दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन की घोषणा के बाद दिनभर प्रदेश के राजनीतिक हालात बदलते रहे। चौक-चौराहों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच दिनभर इसी मुद्दे पर चर्चा होती रही। सात बार के सांसद रमेश बैस के यहां सुबह से कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी थी।
इस बीच खबर आई कि सांसद ने अपने निवास में होली मिलन का कार्यक्रम रखा है और शाम चार बजे सभी सांसद इस कार्यक्रम में जुटेंगे। हालांकि सांसदों पार्टी से सीधे बड़ी बगावत करने के मूड में नहीं दिखे और कुछ सांसद सीधे दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि सांसदों ने आपस में फोन पर बात कर एक रणनीति तय कर ली है। टिकट की घोषणा होने के साथ ही इसका खुलासा होगा।
इस मामले में सांसद बैस सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। उनका कहना है कि पार्टी अध्यक्ष जो भी फैसला लेंगे वो पार्टी हित में सोचकर लिए होंगे। पार्टी के फैसले के मुताबिक ही काम होगा। कोरबा के सांसद बंशीलाल महतो और बस्तर के सांसद दिनेश कश्यप पार्टी के फैसले से बहुत ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं रायगढ़ में विष्णुदेव साय के समर्थकों ने पार्टी के फैसले का विरोध करते हुए इस्तीफा देने की बात कहीं है।
रमन बोले- सभी की सहमति से हुआ फैसला
प्रदेश में उठे बगावत के स्वर के बाद केंद्रीय नेतृत्व तत्काल सक्रिय हो गया है। दोपहर को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ में मौजूदा सांसदों की टिकट नहीं दी जाएगी। सांसदों की जगह नए चेहरे को मौका दिया दिया जा रहा है। सांसदों को बदलने का फैसला सभी ने सामूहिक रूप से लिया है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक सभी में यह सहमति बनी है। सहमति के अधार पर किसी भी सांसद को यहां रिपीट नहीं किया जा रहा है। सीएम के इस बयान के बाद सांसद बगावती सुर में भी बदलाव आया है।