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लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा होते ही भाजपा में सियासी संग्राम शुरू, फेसबुक के जरिए जता रहे नाराजगी

locationरायपुरPublished: Mar 24, 2019 11:24:30 am

Submitted by:

Deepak Sahu

भारतीय जनता पार्टी में लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सियासी संग्राम शुरू हो गया है

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रायपुर/जांजगीर/कांकेर/कोरबा/जगदलपुर. भारतीय जनता पार्टी में लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही सियासी संग्राम शुरू हो गया है। टिकट कटने के बाद सांसद और उनके समर्थकों ने खुलकर बगावती तेवर अपना लिया है। इसमें जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट के सांसद कमला देवी पाटले के पुत्र प्रदीप पाटले का नाम शामिल है। उन्होंने फेसबुक वॉल पर शीर्ष नेताओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने लिखा है, विधानसभा में मिली करारी हार के बाद पार्टी ने सभी 10 सांसदों का टिकट काट दिया है। जिनकी वजह से चुनाव हारे हैं, उन्हें पद देकर नवाजा गया है। मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह को पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। वहीं विधानसभा में हार के बाद भी उसेण्डी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। पाटले ने फेसबुक पर आगे लिखा है कि विधानसभा चुनाव में पूरी जवाबदेही शीर्ष स्तर के नेताओं पर थी और उनके हाथ में पूरे प्रदेश की बागडोर थी।
चुनाव हारने के बाद लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी उन्हीं के हाथों सौंप दी गई है। प्रदीप पाटले ने फेसबुक पर अपनी दूसरी पोस्ट में यह भी कहा है कि जांजगीर लोकसभा से बीजेपी को कोई लोकल प्रत्याशी नहीं मिला और बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है।

बैस ने पार्टी छोडऩे की अफवाहों का किया खण्डन
रायपुर भाजपा के सांसद रमेश बैस ने पार्टी छोडऩे की खबरों को सिरे से नाकार दिया है। उन्होंने कहा, मेरे पार्टी छोडऩे जैसी अफवाह को चलाकर भारतीय जनता पार्टी को कमजोर करने की साजिश है। लंबे समय तक क्षेत्र से जुड़े रहने के कारण क्षेत्र के लोगों से पारिवारिक रिश्ता बन ही जाता है, इसलिए टिकट कटने के मुद्दे पे समर्थकों द्वारा रोष व्यक्त किया जाना स्वाभाविक है।

मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी ने हर किसी रूप में देश, प्रदेश और पार्टी की सेवा करने का अवसर दिया है। जिसमें मैंने भी संगठन के सिपाही से लेकर जनप्रतिनिधि होने तक के अपने कर्तव्यों का पूर्णत: ईमानदारी से निर्वहन किया है। उन्होंने कहा पार्टी ने सदैव परिवार की भांति प्रेम, नाम, सम्मान, पद और प्रतिष्ठा सब कुछ दिया। उन्होंने कहा, यदि मैं भारतीय जनता पार्टी का सदस्य नहीं होता तो शायद राजनीतिक रूप से इतनी लंबी पारी नहीं खेल पाता।
मैं सदैव भारतीय जनता पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता रहा हूं और हमेशा रहूंगा। इधर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष डॉ. रामकुमार सिरमौर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया है कि यदि कांग्रेस-भाजपा दोनों समाज की उपेक्षा करती है, तो उसका खामियाजा भुगताना होगा।

नामांकन लेते समय नदारद रहे पूर्व सांसद, मंत्री व विधायक
बस्तर में भी आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है। इसका उदाहरण शुक्रवार को सामने आया। भाजपा प्रत्याशी बैदूराम कश्यप जब नामांकन फार्म खरीदने कलक्ट्रेट पहुंचे, तो उनके साथ गिनती के समर्थक मौजूद थे। इस दौरान पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व मंत्री केदार कश्यप और पूर्व विधायक संतोष बाफना नहीं थे। इसे नाराजगी के रूप में जोडकऱ देखा जा रहा है। हालांकि बैदूराम का कहना है कि, नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। व्यस्तता के चलते ऐसा हुआ होगा। वैसे में खुद सांसद दिनेश कश्यप से मिला हूं, वे मेरे प्रचार करने सुकमा रवाना होने वाले हैं।

राजवाड़े बोले- सब दलाली में हो गया खत्म
टिकट वितरण के बाद पूर्व मंत्रियों की नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है। पूर्व श्रम मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने शनिवार को कटघोर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन उनकी बात मान लेते तो पार्टी की हार नहीं होती। उन्होंने बताया कि मेरे विभाग में 200 करोड़ रुपए की साइकिल व सिलाई मशीन बंटी गई।

उसको नहीं बांटे, बल्कि किसानों को दे देते। किसानों का कर्जा माफ कर देते या बिजली बिल हाफ कर देते, तो लगता सबको मिला है। साइकिल भी मिली तो किसको मिली। यह सब काम में दलाली में चला गया। इसलिए सब गड़बड़ा गया। इसके बाद राजवाड़ ने सफाई देते हुए कहा, मैं अपनी सरकार के विरोध में बात नहीं करता। इसकी सलाह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी दी थी।

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