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ऐसा गांव जहां न सांसद आए, न सरकारी योजनाएं पहुंची, फिर भी शत प्रतिशत मतदान का संकल्प

locationरायपुरPublished: Apr 21, 2019 05:41:10 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ में तीसरे अंतिम चरण के तहत एक दिन बाद 17वीं लोकसभा के लिए मतदान होगा। आजादी के 72 साल बाद भी कोरबा लोकसभा के अंतर्गत एक ऐसा गांव है, जहां न तो कोई सरकारी अधिकारी आज तक गया है और न ही जनप्रतिनिधि।

special vote guru

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कोरबा. छत्तीसगढ़ में तीसरे अंतिम चरण के तहत एक दिन बाद 17वीं लोकसभा के लिए मतदान होगा। आजादी के 72 साल बाद भी कोरबा लोकसभा के अंतर्गत एक ऐसा गांव है, जहां न तो कोई सरकारी अधिकारी आज तक गया है और न ही जनप्रतिनिधि। भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के जंगल के बीच बसे कांटो गांव में लोकसभा चुनाव का प्रचार दूर-दूर तक सुनाई नहीं देता। ग्रामीणों ने अपने-सांसद विधायक को भी नहीं देखा है।
ग्राम पंचायत बंशीपुर के आश्रित ग्राम कांटो की कविता यादव, कांता प्रसाद, गुलाब यादव, दुर्योधन यादव ने बताया कि विकासखंड मुख्यालय सोनहत से लगभग 60 किलोमीटर दूर उनका गांव उपेक्षित है। सड़क आज तक नहीं बनी इसलिए सरकारी योजनाएं यहां तक पहुंच नहीं पाती। सरकारी राशन लेने के लिए भी यहां के लोगों को 35 किलोमीटर तक पैदल सफर करना होता है।
lok sabha election 2019

राशन के लिए 35 किलोमीटर पैदल सफर
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत मुख्यालय बंशीपुर से ग्राम कांटो की दूरी 35 किलोमीटर है। राशन लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, इस वजह से हर महीने राशन लेने नहीं जा पाते। कांटो में शिक्षा का अधिकार, रोजगार गारंटी, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला समेत कोई योजना नहीं पहुंची है। एक सरकारी हैंडपंप लगा था लेकिन लंबे समय से खराब है। ग्रामीण नदी के पानी का उपयोग करते हैं। एक प्राकृतिक ढोढ़ी भी पेयजल का सहारा है।

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बुनियादी सुविधाओं की उम्मीद में देते हैं वोट
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम कांटो में आजतक कोई विधायक, सांसद या सीधे शासन से जुड़ा कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया है। इसके बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान हुआ था। लोकसभा चुनाव में भी शत प्रतिशत वोट डालने का संकल्प लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार कम से कम पानी, सड़क और स्कूल की व्यवस्था कर दे। इसी उम्मीद से वोट करते हैं।

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