इस गुरुपूर्णिमा होगा चंद्रग्रहण का साया, सिर्फ इतने समय के लिए खुलेंगे मंदिरों के पट
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा और इस चंद्र ग्रहण का खूबसूरत नजारा रायपुर सहित देश के लगभग सभी जगहों पर दिखाई देगा

रायपुर. इस बार गुरुपूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का साया रहेगा। इसलिए के वल दोपहर दो बजे तक ही मंदिरों में गुरुपूजन हो सकेगा। इसके बाद 18 घंटे के लिए मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। यह तिथि 27 जुलाई को है। पंडि़तों के अनुसार इस साल का सबसे अधिक समय तक रहने वाला ग्रहण 3 घंटा 55 मिनट तक दिखाई देगा। जो देश के अनेक राज्यों सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ग्रहण का खगोलीय दृश्य देखा जा सकेगा। ग्रहणकाल में मंत्र जाप, सत्संग, प्रवचन करना और श्रवण करना विशेष फलदायी होता है, जबकि मंदिरों में पूजा-अर्चना वर्जित माना गया है।
महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का स्पर्शकाल रात 11.54 मिनट पर प्रारंभ होगा। ग्रहण मोछ भोर चार बजे होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगा, जिसके 12 घंटे पहले सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे।
इस दिन गुरुपूजन का कार्यक्रम में सुबह से पूजा-आरती के साथ ही पहले पहर तक होगा। दूसरे पहर मंदिरों में पूजा-आरती नहीं होगी। ग्रहण मोक्ष के बाद दूसरी दिन सुबह मंदिरों में शुद्धिकरण के कारण बाद भगवान का अभिषेक-पूजन और आरती की जाएगी।
दिखेगा चंद्र ग्रहण
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा और इस चंद्र ग्रहण का खूबसूरत नजारा रायपुर सहित देश के लगभग सभी जगहों पर दिखाई देगा। इसके अलावा यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रिका और पश्चिम एशिया में भी दिखाई देगा।
ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें
सूर्यग्रहण में ग्रहण के 4 पहर पूर्व और चंद्र ग्रहण में 3 पहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए। बुजुर्ग, बालक और रोगी डेढ़ प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं। ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। ग्रहण-वेध के प्रारंभ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए। ग्रहण शुरू होने से लेकर अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए। चंद्र ग्रहण पर सभी को दान-पुण्य करना चाहिए, इसका बड़ा लाभ मिलता है।
चन्द्र ग्रहण पर किया गया जप, ध्यान, दान आदि एक लाख गुना पुण्य लाभ देते है। ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना के लिए उत्तम काल है।
ग्रहण 27 जुलाई की मध्य रात्रि 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा।
चंद्रग्रहण मध्य रात 1 बजकर 52 मिनट पर स्पष्ट व पूरा दिखाई देगा।
ग्रहण का मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई को सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा।
आश्रमों और चातुर्मास स्थानों पर मंत्र जाप
शहर के अनेक स्थानों पर चातुर्मास के लिए जैनाचार्य और साध्वियां विराजमान हैं। वहीं शंकराचार्य, रावतपुरा सरकार आश्रम में भी चातुर्मास होने जा रहा है। गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण से गुरु पूजन के साथ ही मंत्र जाप, सत्संग, प्रवचन के कार्यक्रम होंगे। स्कूलों-कॉलेजों में भी गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनेगा।
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