जेवरात छिनने का सिलसिला लगभग 20 मिनट तक चला
जानकारी के मुताबिक रक्सौल-सिकंदराबाद रात 10.22 बजे दुर्ग स्टेशन पहुंची और 3 मिनट के स्टापेज के नागपुर की दिशा में रवाना हो गई। ट्रेन के जैसे ही रसमड़ा रेलवे स्टेशन क्रास की रास्ते में चेन पुलिंग कर दिया गया और दर्जन भर ज्यादा युवक खिड़की के निकट बैठे महिला यात्रियों के पहने गहनों को छिनना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि गहने छिनने वाले के हाथों में हथियार था। जेवरात छिनने का सिलसिला लगभग 20 मिनट तक चला।एस -5 से एस 9 प्रभावित
आरोपियों ने एस-५ व एस ९ में सवार यात्रियों पर अटैक किया। इस दौरान पूरे ट्रेन में दहशत थी। लूटे गए जेवरात की कीमत लाखों में बताया गया है।
झाडिय़ों और अंधेरा का फायदा उठाया
बताया जाता है कि दोनों स्टेशन के बीच जंगलनुमा झाड़ी है। वहां अंधेरा रहता है। वारदात करने के बाद आरोपी सभी झाडिय़ों की ओर भाग गए। बताया जाता है कि ट्रेन में रेलवे सुरक्षा कर्मी भी सवार थे लेकिन वे सामने नहीं आए।
आखिरी कोच में थी फोर्स
एक्सप्रेस के आखरी कोच में स्पेशल कोच लगाया गया था। जिसमें सीआरपीएफ के १०० जवान बैठे थे।घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के जवान तत्काल एस-५ की ओर दौड़े भी, लेकिन जवानों के पहुंचते तक आरोपी भाग निकले थे।
पहले हो चुकी है पत्थर बाजी की घटना
एक वर्ष पहले इसी रुट में पत्थर बाजी की घटना भी हो चुकी है। चलती ट्रेन में पत्थर से फेकने से दर्जन भर से ज्यादा यात्रियों को चोटें भी आई है। इसके बाद लूट की यह पहली वारदात है।
गोंदिया में रिपोर्ट करने कहा
जानकारी के मुताबिक गोदियां स्टेशन पहुंचते ही पीडि़त महिला यात्रियों को जीआरपी में शिकायत दर्ज कराने की बात रेलवे के कुछ अधिकारियों ने कही, लेकिन महिलाओं ने यह कहते हुए शिकायत दर्ज नहीं कराई कि वे गंतव्य स्थान पहुंचने के बाद वहां शिकायत करेंगी।