रायपुर

जगन्नाथ महाप्रभु ने किया महास्नान, अब 15 दिनों तक तबीयत रहेगी नासाज, सुबह-शाम लगेगा काढ़ा का भोग

जगन्नाथ स्वामी मंदिरों में विधि-विधान से देव स्नान पूर्णिमा संपन्न की गई। पुजारी परिवारों ने भक्तिभाव से भगवान महाप्रभु को महास्नान कराया। जैसा कि पौराणिक मान्यता है कि जेष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान करते हैं, उसी तरह भगवान को स्नान कराया।

रायपुरJun 25, 2021 / 07:34 am

Ashish Gupta

जगन्नाथ महाप्रभु ने किया महास्नान, अब 15 दिनों तक तबीयत रहेगी नासाज, सुबह-शाम लगेगा काढ़ा का भोग

रायपुर. शहर के सभी जगन्नाथ स्वामी मंदिरों में विधि-विधान से देव स्नान पूर्णिमा संपन्न की गई। पुजारी परिवारों ने भक्तिभाव से भगवान महाप्रभु को महास्नान कराया। जैसा कि पौराणिक मान्यता है कि जेष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान करते हैं, उसी तरह भगवान को स्नान कराया। इस दौरान मंदिरों में उत्सव जैसा दृश्य था। 12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अपने भाई-बहन के साथ भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। यह उत्सव रथयात्रा के रूप में मनाया जाता है। इससे पहले तक पुजारी भगवान को जड़ी-बूटियों का भोग लगाएंगे, क्योंकि अधिक स्नान करने से भगवान की तबीयत खराब हो जाती है।

यह भी पढ़ें: दिनभर खुद को चार्ज रखने के लिए सुबह का हेल्दी नाश्ता जरूर करें, इम्यूनिटी सिस्टम होगा मजबूत

शहर के प्राचीन पुरानी बस्ती टूरी हटरी, सदर बाज़ार में करीब 200 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर, गायत्रीनगर, लिली चौक मंदिर में पुजारी परिवारों ने प्रभु जगन्नाथ का स्नान परंपरा विधि-विधान से संपन्न किया। इसके साथ ही अब 15 दिनों तक भगवान अस्वथ रहेंगे। रथयात्रा की पूर्व संध्या में 11 जुलाई को नेत्र उत्सव की रस्में पूरी होंगी। पुजारी परिवारों के अनुसार करोना प्रोटकाल के चलते इस वर्ष भी घर वालों की मौजूदगी में रथयात्रा की परंपराएं पूरी की जा रही है। सदरबाजार में पुजारी परिवार के सदस्य सिद्धांत शर्मा कि 12 जुलाई को प्रभु जगन्नाथ रथयात्रा कर टिकरापारा स्थित दीपक हाउस में रहेंगे। मोहित पुजारी ने बताया कि रथयात्रा कोरोना नियमों का पालन करते हुए मनेगी।

यह भी पढ़ें: आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है ज्यादा चाय पीना, यहां हैं इसे छोडऩे के कुछ आसान उपाय

पुरानी बस्ती मंदिर में मूर्ति बाहर निकाल किया जलाभिषेक
पुरानी बस्ती टूरी हटरी के प्राचीन श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर में भगवान की मूर्ति गर्भगृह से बाहर निकालकर भगवान का जलाभिषेक कर पुष्पों से सुसज्जित किया गया। तिलक आरती कर भक्तों में प्रसाद बांटा। महंत रामसुंदर दास ने कहा कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है। भगवान जगन्नाथ एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने स्थान से निकलकर भक्तों को दर्शन दिया करते हैं। महास्नान कार्यक्रम में आचार्य कृष्ण बल्लभ शर्मा, तिलक दास, राम मनोहर दास सहित सेवा समिति के सदस्य शामिल हुए। इसी तरह गायत्री नगर मंदिर में पुरंदर मिश्रा ने सपत्नीक तथा पुजारियों ने भगवान को महास्नान कराया।

Home / Raipur / जगन्नाथ महाप्रभु ने किया महास्नान, अब 15 दिनों तक तबीयत रहेगी नासाज, सुबह-शाम लगेगा काढ़ा का भोग

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.