गर्मी की आहट होते ही कुम्हारों के घरों में बनने लगे मटके
रायपुरPublished: Mar 07, 2022 04:35:38 pm
गर्मी और तेज धूप में मटके का ठंडा पानी शीतल और तरावट देने वाला होता है। गरीब व मध्यम वर्गीय तो आज भी घड़े और मटकों के पानी से ही भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाता है। गर्मी के दस्तक देने से पहले ही कुम्हार हर साल मटके बनाने में जुट जाते हैं और इससे परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लेकिन बीते दो साल लॉकडाउन के चलते कुम्हारों की रोजीरोटी छीन गई है इस बार की गर्मी से कुम्हारों की उम्मीद बढ़ी।


गर्मी की आहट होते ही कुम्हारों के घरों में बनने लगे मटके
खरोरा। गर्मी और तेज धूप में मटके का ठंडा पानी शीतल और तरावट देने वाला होता है। गरीब व मध्यम वर्गीय तो आज भी घड़े और मटकों के पानी से ही भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाता है। गर्मी के दस्तक देने से पहले ही कुम्हार हर साल मटके बनाने में जुट जाते हैं और इससे परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लेकिन बीते दो साल लॉकडाउन के चलते कुम्हारों की रोजीरोटी छीन गई है इस बार की गर्मी से कुम्हारों की उम्मीद बढ़ी।
नगर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में गर्मी की आहट होते ही नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मटके तैयार होने शुरू हो गए हैं। मटके तैयार करने में व्यस्त कुम्हारों का कहना है कि महंगाई के चलते अब मिट्टी के घड़़े व अन्य सामग्री तैयार करना मुश्किल होते जा रहा है। गर्मी के मौसम में गला तर करने के लिए मटके का शीतल जल ही याद आता हैं।
इन दिनों गर्मी को देखते हुए बड़े पैमाने में मटके तैयार किए जा रहे हैं। वहीं कुम्हारों ने बताया कि गर्मी के इस सीजन में मटकों की मांग रहती है। मांग को देखते हुए मटके तैयार किए जा रहे हैं। मिट्टी आसपास के जगहों से लाई जाती है। कच्ची सामग्रियों की बढ़ी हुई कीमत के कारण अब इस व्यवसाय में पहले जैसा मुनाफा नहीं रहा। वहीं रही कसर फ्रिज ने पूरी कर दी है।