गर्मी को देखते हुए कुम्हार विनोद, रामकुमार, महेंद्र कुमार ने बताया कि शहर व नगर के आसपास गांव में घूम-घूम कर मटका बेंचना शुरू कर देते हैं तथा नगर के साप्ताहिक बाजार में भी मटके की दुकान लगाते हैं। वर्तमान में मटकों की कीमत 50 रुपए से 70 रुपए के बीच बताई जा रही है, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। कुम्हारिनों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में मटके और मिट्टी के बर्तन बेचना मुश्किल हो चला है। नगर के अलग-अलग वार्डो में निश्चित खरीदार हैं, जो हर वर्ष मटकी खरीदते हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर खुलने वाले सार्वजनिक प्याऊ में भी इन मटकों की मांग रहती है।