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रायपुर

Makar Sankranti : तीन साल बाद मकर संक्रांति मनेगी एक दिन, सुबह से रहेगा पुण्यकाल

– ग्रहों की चाल की वजह से कई बार मकर संक्रांति का पर्व दो दिन मनाया गया- इस बार मकर संक्रांति (Makara Sankranti) का पर्व एक दिन मनाया जाएगा

रायपुरJan 05, 2021 / 09:19 am

Ashish Gupta

Makar Sankranti importance and shubh murat of 2021

Makar Sankranti importance and shubh murat of 2021

रायपुर. सूर्य धनु राशि को छोड़ 14 जनवरी को मकर राशि में सुबह 8.13 बजे प्रवेश करेगा। अर्थात इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व एक दिन मनाया जाएगा। पूरा दिन पुण्यकाल रहेगा। लोग तुल लड्डू, कम्बल दान करने के साथ ही धार्मिक स्थानों में पुण्य की डुबकी लगाएंगे और खिचड़ी का भोग लगाएंगे। 2015 और 17 में सुबह 7 बजकर 39 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने से एक दिन मकर संक्रांति पर्व मनाया गया था।
पंडितों के अनुसार दान और पुण्य का यह पर्व ग्रहों के चाल की वजह से कई बार दो दिन मनाया जाता रहा है। लेकिन इस बार सुबह ही पुण्यकाल प्रारंभ हो रहा है। मकर संक्रांति पर्व के दिन से ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होगा और धीरे-धीरे दिन बड़ा होगा।। मकर संक्रांति पर्व पर लोग गंगाजी स्नान करने जाने के साथ ही शहर के धार्मिक स्थल महादेवघाट और राजिम त्रिवेणी संगम जाते हैं।

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13 जनवरी को लोहड़ी
संक्रांति पर्व से एक दिन पहले सिख समाज लोहड़ी उत्सव मनाएगा। अंधेरा होते ही आग जलाकर अग्निदेव की पूजा करते हैं और तिल, गुड़, चावल, और भुने हुए मक्के की आहूति देकर सुख-समृद्धि की कामना समाज के लोग करने के लिए गुरुद्वारों में एकत्रित होते हैं।

खुलेगी अय्यप्पा मंदिर की पवित्र सीढ़ियां
आंध्रा और केरला समाज के लोग मकर संक्रांति पर्व की जगह पोंगल पर्व के रूप में मनाते हैं। अनेक विविध कार्यक्रम आयोजित तीन से चार दिनों तक उत्सव मनाते हैं। पोंगल पर अय्यप्पा मंदिर की सभी पवित्र सीढ़ियां खुलती हैं। राजधानी के टाटीबंध स्थित मंदिर में पोंगल पर्व नजदीक आते ही तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं।

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कब-कब दो दिन पड़ी संक्रांति
पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार ग्रहों की चाल की वजह से कई बार मकर संक्रांति का पर्व दो दिन मनाया गया। 2010 में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश में दोपहर 12.36 बजे हुआ। 2011 में शाम 6.45 बजे, 2012 में रात 12.56 बजे, 2014 में दोपहर 1.11बजे, 2016 में रात 1.25 बजे, 2018 में दोपहर 1.47 बजे तथा 2019 में शाम 7.56 बजे सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हुआ। इसलिए दो दिन मनाई गई।

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