यह भी पढ़ें: नकली नोट खपाने के फिराक में 3 आरोपी गिरफ्तार, पांच सौ के 22 नोट बरामद
रिचार्ज करने में देरी होने पर उसने क्विक सपोर्ट मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए कहा। हवलदार ने मोबाइल एप डाउनलोड किया। इसके बाद ऑनलाइन 10 रुपए का रिचार्ज किया। रिचार्ज करने के दौरान जैसे उन्होंने ओटीपी नंबर टाइप किया, उनके बैंक खाते से चार बार में 6 लाख 15 हजार रुपए निकल गए। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।हैक करते हैं मोबाइल
क्विक सपोर्ट मोबाइल एप एक तरह से हैकिंग टूल है। सायबर ठग इस एप को डाउनलोड करवाते हैं। जैसे एप डाउनलोड होता है, पूरा मोबाइल ठगों के कंट्रोल में आ जाता है। और वो मोबाइल में होने वाली हर एक्टीविटी को देख सकते हैं। इस दौरान अगर मोबाइल के जरिए इंटरनेट बैकिंग या किसी भी तरह का भुगतान किया जाता है, तो उसकी भी जानकारी ठगों को हो जाती है और पासवर्ड, बैंक खाता नंबर आदि सब देख लेते हैं। हवलदार यादव के साथ यही हुआ।
यह भी पढ़ें: शादी के 10 साल बाद ससुराल वालों ने मांगा 5 करोड़ दहेज, बताई ये बड़ी वजह
मोबाइल एप डाउनलोड करते ही उसके मोबाइल की हर गतिविधि को ठग देख रहे थे। और जब हवलदार ने इंटरनेट बैंकिंग से आरोपी के बताए मोबाइल नंबर पर 10 रुपए का रिचार्ज किया, तो उनके इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड और अन्य गोपनीय जानकारी भी ठगों ने देख ली। इसके बाद उनके बैंक खाते से आसानी से रकम का आहरण कर लिया। इसकी जानकारी हवलदार को नहीं हो पाई।