scriptमोबाइल एप डाउनलोड कराकर हवलदार के मोबाइल को किया हैक, फिर 6 लाख से अधिक किया पार | Man first mobile hacked of constable then 6 lakh Rs withdrawal | Patrika News

मोबाइल एप डाउनलोड कराकर हवलदार के मोबाइल को किया हैक, फिर 6 लाख से अधिक किया पार

locationरायपुरPublished: Mar 21, 2021 09:12:13 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

– ऑनलाइन ठगी का पैटर्न लगातार बदल रहा – क्विक सपोर्ट एप के जरिए ऑनलाइन फ्रॉड

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Farmers will be able to register for wheat procurement from their mobile

रायपुर. ऑनलाइन ठगी का पैटर्न लगातार बदल रहा है। ठग अब मोबाइल एप डाउनलोड कराकर पूरा मोबाइल हैक कर लेते हैं। इसके बाद दूर बैठे मोबाइल की सारी जानकारी चुराकर ऑनलाइन ठगी करते हैं। मंदिर हसौद इलाके में स्थित सीआरपीएफ कैंप का एक हवलदार इसी तरह की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। पुलिस ने अज्ञात ठग के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पुलिस के मुताबिक उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ निवासी रामचंद्र यादव सीआरपीएफ में प्रधान आरक्षक है। 16 मार्च को उनके मोबाइल में एक मैसेज आया कि उनका सिम कार्ड ब्लॉक हो रहा है। मैसेज के अलावा एक व्यक्ति ने उन्हें फोन करके खुद को बीएसएनएल का अधिकारी बताया और सिम ब्लॉक होने से बचाने के लिए 10 रुपए का रिचार्ज करने के लिए कहा।

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रिचार्ज करने में देरी होने पर उसने क्विक सपोर्ट मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए कहा। हवलदार ने मोबाइल एप डाउनलोड किया। इसके बाद ऑनलाइन 10 रुपए का रिचार्ज किया। रिचार्ज करने के दौरान जैसे उन्होंने ओटीपी नंबर टाइप किया, उनके बैंक खाते से चार बार में 6 लाख 15 हजार रुपए निकल गए। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

हैक करते हैं मोबाइल
क्विक सपोर्ट मोबाइल एप एक तरह से हैकिंग टूल है। सायबर ठग इस एप को डाउनलोड करवाते हैं। जैसे एप डाउनलोड होता है, पूरा मोबाइल ठगों के कंट्रोल में आ जाता है। और वो मोबाइल में होने वाली हर एक्टीविटी को देख सकते हैं। इस दौरान अगर मोबाइल के जरिए इंटरनेट बैकिंग या किसी भी तरह का भुगतान किया जाता है, तो उसकी भी जानकारी ठगों को हो जाती है और पासवर्ड, बैंक खाता नंबर आदि सब देख लेते हैं। हवलदार यादव के साथ यही हुआ।

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मोबाइल एप डाउनलोड करते ही उसके मोबाइल की हर गतिविधि को ठग देख रहे थे। और जब हवलदार ने इंटरनेट बैंकिंग से आरोपी के बताए मोबाइल नंबर पर 10 रुपए का रिचार्ज किया, तो उनके इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड और अन्य गोपनीय जानकारी भी ठगों ने देख ली। इसके बाद उनके बैंक खाते से आसानी से रकम का आहरण कर लिया। इसकी जानकारी हवलदार को नहीं हो पाई।
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