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कृषि विभाग में पदोन्नति को लेकर हेरफेर, कृषि मंत्री और मुख्य सचिव तक पहुंचा मामला

locationरायपुरPublished: Aug 13, 2020 12:08:03 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

कृषि संचालनालय में सेटअप में स्वीकृत पदों में हेरफेर के बाद पदोन्नति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कड़ा विरोध करते हुए कृषि मंत्री और मुख्य सचिव से दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया है।

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रायपुर. कृषि संचालनालय में सेटअप में स्वीकृत पदों में हेरफेर के बाद पदोन्नति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि विभाग के संचालक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण डीपीसी की बैठक में शामिल होने की स्थिति में नहीं थे। इसके बावजूद आनन-फानन में मंगलवार को सहायक संचालक कृषि लेखा एवं स्थापना के पद पर पदोन्नति देने के लिए डीपीसी की बैठक संचालनायक के जूनियर अफसर को बुलाकर कर ली गई। जिसे नियम विरुद्ध करार देते हुए प्रदेश लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कड़ा विरोध करते हुए कृषि मंत्री और मुख्य सचिव से दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
कृषि संचालनालय में सहायक संचालक कृषि लेखा एवं स्थापना का पद विभागीय सेटअप में केवल 4 पद स्वीकृत है। इसमें से दो विभागीय एवं दो भर्ती प्रक्रिया से भरा जाना था। इसके अवाला विभागीय आय-व्यय में भर्राशाही रोकने के लिए वित्त विभाग अपने सेटअप के लेखा अधिकारी को प्रतिनियुक्ति करता है। उस पद को भी समायोजित कर सहायक संचालक कृषि लेखा एवं स्थापना का 6 पद कर दिया गया और तीन विभागीय और तीन पद भर्ती प्रक्रिया से भरने का खाका तैयार कर लिया था।
डीपीसी से पहले खुलासा होने पर कृषि विभाग के आयुक्त एवं संचालक ने विभागीय सेटअप सर्कुलर का परीक्षण कराने के बाद ही पदोन्नति के लिए डीपीसी होने का भरोसा दिलाया था। लेकिन संचालक जो समिति के मुख्य विभागीय सदस्य हैं, उनकी अनुपस्थिति में ही डीपीसी की पूरी प्रक्रिया कर ली गई। जिसे कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ने नियम विरुद्ध करार देते हुए विरोध दर्ज कराया है। साथ ही नियम का पालन नहीं होने पर कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
कृषि विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने कहा, सहायक संचालक कृषि लेखा एवं स्थापना के पद पर डीपीसी की प्रक्रिया की गई है। विभागीय सेटअप सर्कुलर में वित्त विभाग के प्रतिनियुक्ति के पदों को समायोजित किए जाने की जानकारी नही है। परंतु संचालक अपनी अनुपस्थिति में अधीनस्थ अधिकारी को डीपीसी के लिए प्रस्तावित कर सकते हैं।

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