पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बिलासपुर पुलिस साइबर मितान के माध्यम से शुरू हुए अपने कैम्पिंग को लगातार आगे बढ़ा रही है। जिले में ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले आरोपियों की धरपकड़ लगातार की जा रही है। फेसबुक के माध्यम से लोगों से दोस्ती करना सुंदर युवती की वीडियो चैट के माध्यम से लोगों को उत्तेजित करना और फिर उसकी आपत्तिजनक वीडियो स्क्रीन रिकाडर के माध्यम से रिकार्ड करना और सामने वाले को फेसबुक, इंस्टाग्राम, वास्टअप, यूट्यूब या अन्य चैटिंग एप में पर उसके फे्रंडों को उसकी अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ठगी करने का गोरखधंधा चला रहे थे।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने कॉल डिटेल के साथ ही आईपी नम्बर के आधार पर मामले की जांच की तो पता चला कि ठगी की वारदात राजस्थान के भरतपुर से हुई है। पुलिस की टीम ने भरतपुर पुलिस की सहायता से लोगों को ब्लैकमेल करने वाले दो युवकों उमर मोहम्मद पिता हनीफ खान (21) थाना नगर जिला भरतपुर राजस्थान व असिफ पिता शब्बीर (21) थाना नगर जिला भरतपुर राजस्थान को गिरफ्तार कर बिलासपुुर लेकर पहुंची और मामले का खुलासा किया।
पहले करते थे ओएलएक्स में फर्जी आई बना ठगी, फायदा कम होने पर बदला तरीका
बिलासपुर पुलिस तोरवा थाने में दर्ज अपराध 164/20 जिसमें पीड़ित ने पुलिस को शिकायत की थी कि एक अद्र्धसैनिक ने ओएलएक्स में गाड़ी बचने के नाम पर उससे ठगी की है। पुलिस जब भरतपुर में आरोपियों को गिरफ्तार किया तो उसने ठगी के ९ हजार व वारदात में इस्तेमाल मोबाइल को जब्त किया। जब्त मोबाइल की जांच में युवतियों की फर्जी आईडी बनाकर उसके नाम से चैटिंग करना व अश्लील वीडियो रिकार्ड करने का पुलिस को साक्ष्य मिला। पूछताछ में युवकों ने कबूल किया कि वह पहले ओएलएक्स एप के माध्यम से ठगी करते थे। बाद में वह फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम व अन्य चैचिंग एप के माध्यम से अपराध करने लगे।
फेसबुक पर अंजान नम्बर पर न करें चैटिंग
पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि वह अंजान नाम जिसे वह नहीं जानते खासकर युवतियों के उनकी फे्रंड रिक्वेस्ट को एक्सेपट न करे, अगर कर लिया है तो उन्हें अपना वाट्सएप नम्बर न दे या फिर किसी अन्य चैङ्क्षटग एप के माध्मय से चैटिंग करने से बचे, क्योंकि शातिर अपराधियों के चंगुल में फंस सकते हैं।