पर्ची में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 का संपत्तिकर 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ी हुई है। यही नहीं, एक मंजिला मकान के सम्पत्तिकर की गणना तीन मंजिल के हिसाब से की गई है।
किसी का सम्पत्तिकर पांच हजार रुपए तो किसी को 10 हजार रुपए तक बढ़ा हुआ है। यानी जो लोग दो हजार रुपए सम्पत्तिकर जमा करते थे, उनसे अब 7 हजार रुपए और जो लोग 9 हजार रुपए सम्पत्तिकर जमा करते थे, उनके यहां 18 हजार रुपए की पर्ची छोड़ी गई है। इस तरह की शिकायतें सभी वार्डों से आ रही है।
नगर निगम आयुक्त रजत बंसल ने बताया कि जीआइएस सर्वे में जो भी गड़बड़ी हुई है, उसे दुरुस्त कराने के लिए भवन स्वामियों को मार्च 2019 तक का समय दिया गया है। लोगों को जोन कार्यालय में मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री पेपर लेकर जाना होगा, तत्काल दुरुस्त हो जाएगा। इसके बाद ही लोग सम्पत्तिकर भरें ।