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सर्वे सूची में नाम नहीं फिर भी बने बीपीएल कार्ड, निरस्त होंगे हजारों आवेदन

locationरायपुरPublished: Mar 25, 2019 11:40:18 am

Submitted by:

Deepak Sahu

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का सपना पूरा करने में कई परिवारों के सामने रूकावट है

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सर्वे सूची में नाम नहीं फिर भी बने बीपीएल कार्ड, निरस्त होंगे हजारों आवेदन

रायपुर. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का सपना पूरा करने में कई परिवारों के सामने रूकावट है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2002 और 2007 की बीपीएल सर्वे सूची में नाम की अनिवार्यता के कारण हजारों आवेदन निरस्त हो सकते हैं।
कई पालक नोडल अधिकारियों के पास बीपीएल कार्ड लिए पहुंच रहे हैं, जबकि उनके नाम सर्वे सूची से नदारद हैं, जबकि कई पालक बिना सूची देखे ही ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। इससे निरीक्षण के दौरान इन आवेदनों को निरस्त कर दिया जाएगा। इसे लेकर प्रवेश के इच्छुक पालक नोडल अधिकारी और ऑनलाइन केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं।
वहीं, सूची में नाम नहीं होने के बावजूद बीपीएल कार्ड मिलने से खाद्य विभाग की कार्यशैली पर भी उंगलियां उठ रही हैं। इसी बीच प्रदेश की 85 हजार 806 सीटों पर प्रवेश के लिए 1 मार्च से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया में अब तक 53 हजार 702 आवेदन मिल चुके हैं, जबकि रायपुर जिले की 9061 सीटों पर 9287 आवेदन आ चुके हैं। आवेदन प्रक्रिया 30 मार्च तक चलेगी, जिसके बाद 1 से 7 अप्रैल तक आवेदनों का परीक्षण किया जाएगा।

बीते वर्ष आधी सीटें रह गई थीं खाली
बीते वर्ष प्रदेशभर की 80 हजार सीटों में से लगभग आधी सीटें खाली रह गई थीं। जिसके पीछे अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों के निजी स्कूलों में पालकों की रूचि नहीं होने की बात कह रहे हैं। वहीं, इस सत्र भी आवेदन में महज 5 दिन शेष रह गए हैं और लगभग 32 हजार सीटों के लिए आवेदन ही नहीं आए हैं। ऐसे में अधिकारियों के मुताबिक 25 अप्रैल तक लॉटरी की पहली सूची के बाद रिक्त सीटों पर विचार किया जाएगा।

सीटों से कम आवेदन
कुल सीटों की संख्या 85826
अबतक प्राप्त आवेदन 53702
30 मार्च तक चलेगी आवेदन प्रक्रिया

2011 वाले भी अपात्र
छग शासन द्वारा आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को 2002, 2007 और 2011 में सूचीबद्ध किया गया था। वहीं, 2002 के सर्वेक्षण के बाद कई परिवारों के नाम 2007 में और कुछ के 2011 में जोड़े गए थे। इनमें कई परिवार ऐसे हैं, जिनके नाम 2002 और 2007 में नहीं थे, जबकि 2011 में इन परिवारों को सूचीबद्ध किया गया था। ऐसे में 2011 में शामिल किए गए हितग्राही भी आवेदन के लिए यहां-वहां भटकने को मजबूर हो रहे हैं।

30 मार्च के बाद करेंगे विचार
लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक एस. प्रकाश ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया 30 मार्च तक चलेगी, इसके बाद वस्तुस्थिति को देखते हुए आवेदनों की संख्या कम होने पर आगे की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा।

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