जुलाई-अगस्त महीने में ही दर्जनभर अफसर सर्विस से त्यागपत्र देकर कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर चुके हैं। इन अफसरों की एंट्री से विधानसभा क्षेत्रों मेंं पहले से सक्रिय टिकट के दावेदारों का गणित बिगाड़ दिया है। कई क्षेत्रीय नेताओं ने आशंका जताई कि ऐसा होता रहा तो हर चुनाव में मेहनत कर जनाधार बनाने वाले उन जैसे कार्यकर्ताओं का कभी नंबर ही नहीं आएगा। हालांकि प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ऐसी किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं।
उनका कहना है कि जो भी अफसर, समाजसेवी अथवा दूसरे क्षेत्र से आया व्यक्ति कांग्रेस में शामिल हो रहा है, वह टिकट मिलने की शर्त पर नहीं आ रहा है। उनके आने से किसी की दावेदारी खारिज भी नहीं की जा रही है। शुक्ला ने कहा, जो जीतने लायक होगा टिकट उसी को मिलेगा। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ऐसा हर बार नहीं होता। शिशुपाल शोरी आइएएस छोडक़र पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आए थे। पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया। पांच साल से वे संगठन का काम कर रहे हैं।