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उन्होंने कहा है कि बसपा मानती है कि राज्य की 10 से 15 सीटों पर हम बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई गठबंधन होता है तो उसका फायदा जरूर होगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ में जीत का अंतर केवल 0.7 फीसदी है और बसपा के वोट 4.7 प्रतिशत हैं।
मध्यप्रदेश के समझौते से जगी उम्मीदें : बसपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि चूंकि मध्यप्रदेश में बसपा और कांग्रेस के बीच समझौता हो चुका है इसलिए इसकी संभावना ज्यादा है कि छत्तीसगढ़ में भी कोई रास्ता निकाल लिया जाए। लेकिन, प्रश्न यह है कि इसके लिए पहल कौन करे? विगत 26 मई को लखनऊ में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में बसपा सुप्रीमो मायावती ने छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ अलग से बैठक की थी, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश दिए थे। लालजी वर्मा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनके मातहत तीन प्रभारी एम.एल. भारती, हेम राजभर व अजय साहू की नियुक्ति की गई। राज्य में 5 जोनल कमेटियों का भी गठन कर दिया गया है। मायावती संभवत: जुलाई में छत्तीसगढ़ आएंगी।
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बसपा के विधायक केशव चन्द्रा ने बताया कि सम्मानजनक गठबंधन हुआ तो निश्चित उसका फायदा होगा और छत्तीसगढ़ में गठबंधन की सरकार बनेगी। लेकिन, इसका फैसला बसपा सुप्रीमो ही करेंगी।