मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग की पढ़ाई थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल आधारित, क्लास लगाएं, फिर होंगी परीक्षाएं
- आयुष विवि रजिस्ट्रार की डीएमई को चिट्ठी , डीएमई ने विभाग की एसीएस को भेजी .

रायपुर. कोरोना काल का असर चिकित्सा शिक्षा पर पड़ रहा है। 24 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद से अध्ययन-अध्यापन कार्य पूरी तरह से बंद है। थ्योरी क्लासेस ऑन लाइन जारी है। मगर, आयुष विश्वविद्यालय की चिंता यह है कि बगैर प्रैक्टिकल ज्ञान के मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग की पढ़ाई पूरी नहीं हो सकती। ये पाठ्यक्रम थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल आधारित हैं, जो सही भी है। इसलिए आयुष विवि के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश हिषीकर ने चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एसएल आदिले से इस संबंध में फोन पर बात की, उन्हें पत्र भी लिखा। यह पत्र डॉ. आदिले ने विभागीय अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्लई को भेज दिया है।
पत्रिका से बातचीत में डॉ. हिषीकर ने कहा कि वैसी भी शिक्षण सत्र ६ महीने पिछड़ चुका है। विवि के टाइम टेबल के मुताबिक एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की परीक्षा मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित थी, जो लॉक डाउन के कारण स्थगित कर दी गई। क्योंकि ऑल इंडिया कोटा वाले 15 प्रतिशत छात्र क्षेत्र देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं। लॉक डाउन में जिनका आना संभव नहीं था। कॉलेज शुरू होने के कारण हॉस्टल भी शुरू नहीं हो रहे हैं। यही वजह है कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष (नए सत्र) की कक्षाएं भी छह महीने से नहीं लग रही हैं। रजिस्ट्रार ने एमसीआई की गाइड-लाइन का हवाला देते हुए लिखा है कि २-३ महीने के अंदर प्रैक्टिकल क्लासेस लगाकर पाठ्यक्रम पूरा करवाएं, ताकि नवंबर-दिसंबर में परीक्षाएं करवाई जा सकें। बहरहाल अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। क्योंकि सभी को कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है।
2 हफ्ते रहना होगा क्वारंटाइन में
दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों को आने के लिए एक हफ्ता का अधिकतम समय दिया जाए, 2 हफ्ते यानी 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड हो। इसके बाद ही विवि परीक्षाएं करवा सकता है। उधर, नर्सिंग कॉलेज और हॉस्टल को क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है। विवि ने लिखा है कि इसे खाली करवाकर कहीं और शिफ्ट करें, ताकि छात्र-छात्राएं आकर रह सकें।
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