‘पत्रिका’ पड़ताल में सामने आया कि पहली लहर में 6,785 हेल्थ केयर वर्कर संक्रमित मिले थे, तो दूसरी लहर में 5,710 ही। इनमें अधिकांश ऐ-सिम्प्टैमेटिक रहे, गंभीर बहुत कम मिले और मौतें भी कम हुईं। राज्य स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 3,39,732 लाख हेल्थ केयर वर्कर में से 90 प्रतिशत को पहला डोज, जबकि 67 प्रतिशत को दूसरा डोज लग चुका है। हालांकि दूसरी डोज के आंकड़े कम है, जो थोड़ा चिंता का विषय है। हेल्थ केयर वर्कर के बाद सर्वाधिक हाईरिस्क में फ्रंट लाइन वर्कर होते हैं, उनमें से 100 प्रतिशत ने पहला और 66 प्रतिशत ने दूसरा डोज लगवा लिया है।
राज्य में दूसरी लहर में रायपुर, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, गौरेला पेंड्रा मरवाही, बलरामपुर, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा में संक्रमित मरीज अधिक मिले। इस सवाल का ठोस जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है। हालांकि रायपुर, सरगुजा, सूरजपुर में अपेक्षाकृत अन्य जिलों के संक्रमित मरीज अधिक मिले।
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आखिर क्यों रायपुर समेत अन्य जिलों में दूसरी लहर में अधिक हेल्थ केअर वर्कर संक्रमित हुए ? –राज्य में दूसरी लहर में रायपुर, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, गौरेला पेंड्रा मरवाही, बलरामपुर, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा में संक्रमित मरीज अधिक मिले। इस सवाल का ठोस जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है। हालांकि रायपुर, सरगुजा, सूरजपुर में अपेक्षाकृत अन्य जिलों के संक्रमित मरीज अधिक मिले।
संभागवार आंकड़े
संभाग- पहली लहर में संक्रमित- दूसरी लहर में संक्रमित- कुल रायपुर- 861- 1720- 2581
बिलासपुर- 1056- 465- 1524 दुर्ग- 873- 600- 1473
सरगुजा- 284- 640- 924 बस्तर- 749- 290- 1039
(- स्वास्थ्य विभाग की 28 मई तक की रिपोर्ट के मुताबिक)
संभाग- पहली लहर में संक्रमित- दूसरी लहर में संक्रमित- कुल रायपुर- 861- 1720- 2581
बिलासपुर- 1056- 465- 1524 दुर्ग- 873- 600- 1473
सरगुजा- 284- 640- 924 बस्तर- 749- 290- 1039
(- स्वास्थ्य विभाग की 28 मई तक की रिपोर्ट के मुताबिक)
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जिले जहां सबसे ज्यादा हेल्थ केयर वर्कर हुए संक्रमित- रायपुर 1412, जांजगीर चांपा 482, दुर्ग 480, बलौदाबाजार 387 और कवर्धा 347मेडिकल स्टाफ सर्वाधिक हाई रिस्क ग्रूप
कोरोना महामारी को काबू में पानी या यूं कहें कि मरीजों का इलाज करने वाले हेल्थ केयर वर्कर सबसे ज्यादा हाईरिस्क में रहते हैं। ये सीधे मरीज के संपर्क में रहते हैं। जरा सी चूक वायरस को शरीर में प्रवेश करने का मौका दे देती है। इस दौरान न सिर्फ ये बल्कि इनके परिजन भी संक्रमित हुए। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ की मौतें भी हुईं। बावजूद ये आज भी पूरी लगन के साथ ड्यूटी पर किसी सैनिक की भांति तैनात हैं। एम्स के कोविड केयर इंचार्ज डॉ. अतुल जिंदल, आंबेडकर अस्पताल के डॉ. ओपी सुंदरानी, कोरोना कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्य डॉ. कमलेश जैन मानते हैं कि टीकाकरण ही बचाव है। टीके अवश्य लगवाएं।
टीकाकरण इसलिए ही महत्वपूर्ण है कि वह संक्रमण से बचाता है। डॉक्टर और अन्य सभी मेडिकल स्टाफ सर्वाधिक हाईरिस्क में रहते हैं। यही वजह थी कि उनका सबसे पहले टीकाकरण करवाया गया। अगर, सभी नागरिक टीका लगवा लें तो हम तीसरी लहर के खतरे को कम कर सकते हैं।
– डॉ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता एवं संचालक, महामारी नियंत्रण कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग
– डॉ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता एवं संचालक, महामारी नियंत्रण कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग