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झोलाछाप डॉक्टरों पर हो कार्रवाई

locationरायपुरPublished: Jul 24, 2018 07:02:20 pm

Submitted by:

Gulal Verma

झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन व दवा चढ़ाने से दो बच्चियों की मौत

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झोलाछाप डॉक्टरों पर हो कार्रवाई

प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। इन झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन लोगों की जानें चली जा रही है, लेकिन इन के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बिलासपुर में पिछले दो दिन में दो बच्चियों की मौत ऐसे ही एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन व दवा चढ़ाने से हुई। हाईकोर्ट ने बिना डिग्री के प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लगाने के लिए कई बार निर्देश जारी किए हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।
बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की पौ बारह है। ऐसे डॉक्टरों में कुछ ने फर्जी डिग्री हासिल कर ली है तो कुछ बिना डिग्री के ही लोगों का इलाज धड़ल्ले से कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर शुरुआत में सस्ती दवाएं देकर मरीजों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। फिर धीरे-धीरे उनका दोहन शुरू कर देते हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियों में हाईडोज की दवाएं दे देते हैं, जिससे मरीज तुरंत ठीक हो जाता है। इस कारण ग्रामीण इनके चक्कर में आसानी से आ जाते हैं। उन्हें यह पता नहीं होता कि हाईडोज के कारण साइड इफेक्ट के चलते मरीज भयंकर बीमारियों का शिकार भी हो जाता है। कभी-कभी इसी चक्कर में मरीजों की जान भी चली जाती है।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी बिना डिग्री के प्रैक्टिस करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम न लगाया जाना अत्यंत सोचनीय है। ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई करना तो दूर अब तक इनकी जांच भी नहीं की गई, ताकि पता लगाया जा सके कि ऐसे कितने झोलाछाप डॉक्टर हैं जो फर्जी तरीके से प्रैक्टिस कर रहे हैं। ऐसे झोलाछाप डॉक्टर शहरों में स्थित बड़े निजी चिकित्सालयों से भी सीधे जुड़े होते हैं। अपने यहां केस बिगडऩे पर मरीजों को सीधे उन निजी चिकित्सालयों के लिए रेफर भी करते हैं। इस कार्य में निजी चिकित्सालयों से भी भारी भरकम रकम उन्हें मिल जाती है। झोलाछाप डॉक्टर बड़े चिकित्सालयों से संबंध रखने के कारण ही कार्रवाई से बचे रहते हैं। क्योंकि, प्रशासन की टीम जैसे ही झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पहुंचती है, कतिपय सफेदपोश राजनीतिक लोगों के भी फोन घनघनाने लगते हैं और इस प्रकार ऊंची रसूख के कारण कार्रवाई से बच जाते हैं।
शासन-प्रशासन को चाहिए कि झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध अभियान चलाए। ग्रामीण व शहरी दोनों ही क्षेत्रों में चिकित्सीय कार्य में लोगों की डिग्री की जांच कराए, ताकि झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान हो सके। झोलाछाप डॉक्टरों की अस्पतालों को सीज करने के साथ ही इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे फर्जी डॉक्टरों से मरीजों की जान बचाई जा सके।
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