चेम्बर में पारित होगा नया नियमचेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि बदलाव जरूरत के हिसाब से आवश्यक है। चेंबर के संविधान में शुरुआती दौर में जो नियम बने हुए हैं उन कंडिकाओं में वर्तमान में बदलाव किया जाना है। चूंकि पूर्व में चेंबर की सदस्यों की संख्या सीमित थी, जो अब कई गुना बढ़ गई है। आज सदस्यों की संख्या में विस्तार के लिए ही चेंबर के संविधान में संशोधन महसूस किया जा रहा है। संशोधन समिति चेंबर के संविधान का बारीकी से निरीक्षण कर संशोधन कर रही है। इसके बाद नियमों को चेंबर की प्रक्रिया के अंतर्गत चेम्बर में पारित कराया जाएगा।[typography_font:14pt;” >रायपुर. छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में अब सदस्य बनना काफी आसान होगा। क्योंकि चेम्बर के 40 से 45 साल पुराने संविधान में संशोधन करके उसका सरलीकरण करने की कवायद चल रही है। इस संबंध में बनी संविधान संशोधन समिति की बैठकें नियमित तौर पर हो रही हैं। मुहर लगते हुए उस पर अमल शुरू हो जाएगा।चेम्बर के अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल की मौजूदगी में समिति के सदस्य राजेन्द्र जग्गी, मनमोहन अग्रवाल, भरत बजाज, संजय रावत एवं राम मंधान की बैठक हुई, जो नियमित रूप से चेम्बर के संविधान में संशोधन से संबंधित बैठक कर रहे हैं।नियम-कानून की बहुलता ने जीएसटी को जटिल बनायाकन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमैन मगेलाल मालू, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने संयुक्त रूप से कहा कि जीएसटी लागू हुए करीब 5 साल हो गए हैं। देशभर के व्यापारियों ने इस टैक्स का स्वागत इस बात को ध्यान में रखकर किया था कि यह एक अच्छा और सरल टैक्स प्रक्रिया साबित होगा। परंतु नियम-कानूनों की बहुलता के चलते व्यापारियों के लिए एक दु:स्वप्न सा बन गया है। क्योंकि पोर्टल की अक्षमता, जीएसटी पोर्टल में बार-बार बदलाव और जीएसटी नियमों ने मुश्किलें बढ़ा दी है। कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से स्टेकहोल्डर्का के परामर्श से जीएसटी कराधान प्रणाली की समीक्षा करने और इसे एक ऐसा कानून बनाने का आग्रह किया है जो जीएसटी कानून और नियमों का पालन करके व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दे सके।