पीडि़त ने प्रधानमंत्री से की शिकायत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई शिकायत में कोशले ने कहा कि लगभग दस साल पहले उसके पिता समेलाल का देहांत हो गया, तो वे अपने पिता की जमीन पर खेती करने लगे। इस दौरान वे अपने परिवार वालों को पेट पालने के लिए 10 से 12 क्विंटल का धान पैदा करते रहे। इन सालों में दयालदास बघेल अपना राजनीतिक सफर तय करते हुए गांव के सरपंच से सरकार के मंत्री भी बन गए।
जान का खतरा
मंत्री दयालदास बघेल उसी गांव कुंवरा के रहने वाले हैं, जहां मैं रहता हूं। पूरा गांव इस बात को जानता है कि मेरे पिता ने बघेल के पिता से जमीन खरीदी थी। पिता के गुजर जाने के बाद मैं स्वयं खेती-बाड़ी करता रहा हूं। मैंने मंत्री से कई बार अनुरोध किया, लेकिन वे टाल-मटोल करते रहे। दरअसल जमीन की कीमत बढऩे के साथ ही उनकी नीयत बदल गई और उन्होंने छल-कपट का सहारा लेकर जमीन हड़प ली। मजबूर होकर मैंने प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को शिकायत भेजी है। मैंने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि मुझे मंत्री और उनके लोगों से जान का खतरा बना हुआ है।
धनेश कुमार कोशले, पीडि़त किसान
वापस कर दिए पैसे
मेरे पिता ने धनेश कुमार कोशले के पिता को दो हजार रुपए लेकर जमीन बेची थी। यह बात कई साल पुरानी है। इसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं है। आज भी रेकॉर्ड में जमीन हमारे नाम है। मैंने किसान धनेश कुमार को दो हजार रुपए वापस कर दिए हैं। दयालदास बघेल, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री