राजधानी में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल और फर्नीचर के बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स और होलसेल कारोबारियों के पास अधिकतम 2 से 3 महीने का ही स्टॉक बचा है। स्टॉक खत्म होने के बाद विदेशी आयात पर निर्भर रहना पड़ेगा। राजधानी में फर्नीचर का बड़ा मार्केट विदेशों पर निर्भर है। बीते कुछ वर्षों में इटालियन फर्नीचर का क्रेज बढ़ा है। चाइना से बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है, लेकिन दोनों ही देशों में कोरोना की तबाही की वजह से आयातकों ने तौबा कर लिया है। करोड़ों के माल बंदरगाहों में फंसा हुआ है। ऐसे हालात में भारतीय उद्योगों पर निर्भरता बढ़ेगी, वहीं दो-तीन महीने के भीतर ये उद्योग तैयार नहीं हो पाएंगे। इसलिए यह तय है कि डिमांड चाहे हो या ना हो, प्रतिबंध नहीं खुलने की स्थिति में विलासिता की वस्तुओं की कीमतें बढ़ेगी।
रॉ मटेरियल्स सिर्फ तीन महीने के लिए
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, नोएडा आदि शहरों में मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर आदि कंपनियों के उद्योगों में सिर्फ दो से तीन महीनों के लिए रॉ मटेरियल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स-इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट होने की जानकारी मिली है। ये मटेरियल्स विदेशों से आयात होता है। मोबाइल कंपनियों के ज्यादातर रॉ-मटेरियल्स का आयात चाइना से होता है, जिसके बाद देश के भीतर असेबलिंग होती है। यही स्थिति इलेक्ट्रॉनिक्स की कई बड़ी कंपनियों में हैं।
अभी नहीं तो दिवाली पर भरोसा
कारोबारियों के मुताबिक जून तक बाजार नहीं खुला तो बारिश के दिनों में वैसे भी मार्केट कमजोर रहता है। ऐसे में बाजार की उम्मीद त्यौहारी सीजन और दिवाली को लेकर रहेगी। वर्तमान हालातों के मद्देनजर मई तक का मार्केट प्रभावित हो चुका है। बाजार को ताकत देने और बिक्री बढ़ाने के लिए अब बैकिंग और फाइनेंस कंपनियों को बड़ी राहत देनी चाहिए।
10 देशों का फर्नीचर रायपुर में
फर्नीचर कारोबार से जुड़े कारोबारी ललित पटवा के मुताबिक प्रदेश में इटली, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, चाइना सहित कुल १० देशों से आयात होता है। चाइनीज फर्नीचर अब टिकाऊ और सस्ते आ रहे हैं। आकर्षक डिजाइन होने की वजह से इटालियन फर्नीचर की डिमांड उच्च वर्ग में तेजी से बढ़ी है। विदेशों से फर्नीचर का बड़ा आर्डर अभी बंदरगाहों में फँसा हुआ है। लॉक-डाउन की वजह से यह माल भी शो-रूम तक नहीं पहुंच पा रहा है। हालात सामान्य नहीं हुए तो निश्चित तौर पर मंहगाई बढ़ेगी, क्योंकि लॉक-डाउन खुलने के बाद मांग में तेजी आने की संभावना है।
सैमसंग, एप्पल सहित अन्य कंपनियों ने 4 से 7 हजार तक कीमतें बढ़ा दी है। मोबाइल का मार्केट विदेशी आयात पर निर्भर है। 2 से 3 महीने का स्टॉक अभी पड़ा है। इसके बाद कीमतों में फिर महंगाई आ सकती है। कंपनियों की ओर से नई लिस्ट जारी कर दी गई है।
राजेश वासवानी
अध्यक्ष,छग प्रदेश मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन