scriptCM भूपेश ने डीएम अवस्थी को बनाया DG, मोदी सरकार ने लगाया अड़ंगा, जानिए वजह | Modi govt not approval over DM Awasthi as a DGP of Chhattisgarh | Patrika News

CM भूपेश ने डीएम अवस्थी को बनाया DG, मोदी सरकार ने लगाया अड़ंगा, जानिए वजह

locationरायपुरPublished: Jan 16, 2019 03:43:23 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने वरिष्ठ आइपीएस ए.एन. उपाध्याय को हटाकर डी.एम. अवस्थी को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की जिम्मेदारी तो दी है, लेकिन उनकी नियुक्ति अभी भी अंतिम नहीं है।

Modi Govt news

कैग की रिपोर्ट में 32 करोड़ के एक और घोटाले का पर्दाफाश, अफसरों ने ऐसे की हेराफेरी

रायपुर. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने वरिष्ठ आइपीएस ए.एन. उपाध्याय को हटाकर डी.एम. अवस्थी को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की जिम्मेदारी तो दी है, लेकिन उनकी नियुक्ति अभी भी अंतिम नहीं है। केंद्र सरकार से उनकी नियुक्ति को हरी झंडी नहीं मिली है। कानूनी जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अवस्थी सहित तीन और वरिष्ठ आइपीएस अफसरों के नाम का पैनल स्वीकृति के लिए दिल्ली भेजा है।
इन अफसरों में आसूचना महानिदेशक संजय पिल्लै, योजना और प्रबंध के महानिदेशक आर.के. विज और जेल व सुधारात्मक सेवाओं के महानिदेशक गिरिधारी नायक का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार डी.एम. अवस्थी को ही डीजीपी बनाए रखना चाहती है। इस पैनल में 1983 बैच के आइपीएस गिरिधारी नायक सबसे वरिष्ठ हैं।
लेकिन आइपीएस गिरिधारी नायक मई 2019 में ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनका दावा कमजोर हो जाता है। 1986 बैच के अवस्थी दूसरे नंबर पर हैं, 1988 बैच के आर.के. विज तीसरे और 1989 बैच के संजय पिल्लै चौथे नंबर पर हैं। इन तीनों की चार वर्ष से अधिक की सेवा बची हुई है। पूर्व डीजीपी ए.एन. उपाध्याय 1985 बैच के आइपीएस हैं और अगस्त 2019 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

उपाध्याय को हटाने पर भी सवाल
सरकार बदलने के बाद ए.एन. उपाध्याय को डीजीपी पद से हटाकर पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन भेज दिया गया। विपक्ष डीजीपी को इस तरह हटाने पर सवाल खड़ा कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि उपाध्याय को हटाने में नियमों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी हुई है। डॉ. सिंह ने प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ के मामले का हवाला देते हुए कहा कि डीजीपी को सरकार अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, किसी मामले में जेल और नि:शक्तता की स्थिति में ही पद से हटा सकती है। उपाध्याय के साथ ऐसी कोई स्थिति नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में ऐसा ही मामला
इधर सुप्रीम कोर्ट में डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य के नियमों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने संघ लोक सेवा आयोग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। शीर्ष अदालत ने उनसे जानना चाहा है कि क्या आयोग उन वरिष्ठ आइपीएस अफसरों का पैनल बनाता है, जिन्हें डीजीपी बनाया जाना है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया था कि यह पैनल लोक सेवा आयोग नहीं बल्कि कार्मिक और पेंशन विभाग बनाता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो