सदन में महासमुंद के पूर्व विधायक दाऊ संतोष कुमार अग्रवाल, दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी और तख्तपुर के पूर्व विधायक बलराम सिंह ठाकुर को शृद्धांजलि दी गई। इसके अलावा सदन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की माता बिंदेश्वरी बघेल के निधन पर भी शोक जताया।
सदन में भीमा मंडावी को श्रद्धांजलि देने के बहाने विधायकों ने नक्सलवाद को लेकर चिंता जताई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भीमा मंडावी का असमय चले जाना प्रदेश के लिये अपूरणीय क्षति है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, मैं विधायक भीमा मंडावी की वीरता का कायल रहूंगा।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, दुनिया में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याओं का रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ का रहा है। उन्होंने कहा, नक्सलियों के बारूद ने दलों में कोई भेद नहीं किया। उसने कांग्रेस के महेंद्र कर्मा को मारा तो भाजपा के भीमा मंडावी की भी हत्या की। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, कब तक प्रदेश के जननेता नक्सलवाद की बलि चढ़ते रहेंगे।
विधानसभा का यह सत्र 19 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान कुल 6 बैठकें प्रस्तावित है। इस सत्र में सरकार अपना पहला अनुपूरक बजट जाने जा रही है। इसके अलावा 7 संशोधन विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। सत्र में विधायकों द्वारा 946 प्रश्न पूछे गए हैं।
दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या, किसानों की अधूरी ऋणमाफी, महाधिवक्ता नियुक्ति विवाद, रेत नीति में बदलाव, शराबबंदी पर वादाखिलाफी, बिजली कटौती और पुलिस हिरासत में मौतों को लेकर विपक्ष सदन में इन्हें जोरशोर से उठाने की तैयारी में है। इसको लेकर सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है।
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