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उधर, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू को लेकर भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। प्रदेश पदाधिकारी भी नाराज हैं। यह नाराजगी उनकी प्रदेश टीम को लेकर है, जिसमें 2 जिम्मेदार पद पर बैठे पदाधिकारियों नियुक्ति से पहले कभी भी सक्रिय नहीं देखा गया। अब देखना यह है कि क्या बायोडाटा के आधार पर पुरंदेश्वरी ठोस निर्णय लेकर कड़ा संदेश देगीं? वे अपने दौरे पर अनुशासन में रहने की नसीहत दे चुकी हैं। हालांकि जानकार मानते हैं कि पार्टी ने पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की।नड्डा को भी शिकायत
युवा मोर्चा की नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी की शिकायत कार्यकर्ताओं और दावेदारों ने न सिर्फ प्रदेश प्रभारी बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी की है। जिस पर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष से जानकारी मांगी है। नड्डा भी प्रदेश दौरे पर आएंगे, तो निश्चित है कि वे पार्टी नेतृत्व से सवाल तो करेंगे ही। क्योंकि पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध भी ढेरों शिकायतें उन तक पहुंची हैं।
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दबाव में हुई मोर्चा में नियुक्तियां- पार्टी सूत्रों की मानें तो युवा मोर्चा में हुई अधिकांश नियुक्तियां दबाव में हुईं। कई भाजपा जिला अध्यक्षों ने बताया कि युवा मोर्चा के जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर उनसे राय-मशविरा तक नहीं किया गया था, जो अब तक प्राथमिकता में रहा है।युवा नेता मनीष ने गलत नहीं उठाई थी आवाज
बीते दिनों भाजपा के एक युवा नेता मनीष ने पार्टी मुख्यालय के बाहर आत्मदाह की चेतावनी दी थी। युवा मोर्चा के वॉटसऐप ग्रुप में मनीष ने लिखा था कि जिन्हें जिला अध्यक्ष बनाया गया और प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किया है उनकी 10वीं की मार्कशीट सार्वजनिक की जाए। ये सब दोहरी नीति है, बर्दाश्त नहीं है…। दरअसल, मनीष ने गरियाबंद जिला अध्यक्ष पद की दावेदारी की थी, 35 साल से अधिक उम्र वाले को पद दे दिया गया।