हमर मुख्यमंत्री को हम सब परिवार के लोग करोड़ों बार प्रणाम करते हैं । वे दिन-रात राहुल की खबर लेते रहे । यहां अधिकारियों के पास और हमारे पास भी मुख्यमंत्री जी लगातार फोन करते रहे । गीता आगे कहतीं हैं कि सरकार, प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी । भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दे ।
दरअसल गीता ने ही सबसे पहले खोजते हुए राहुल को बोरवेल में पाया था । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राहुल घर के बाहर खेल रहा था । जब बहुत देर तक नहीं आया तो चिंता हुई । मैं खोजने निकली तो बोरवेल के पास से राहुल के रोने की आवाज आयी । मैं करीब गयी और कान लगाकर सुना तो राहुल ही रो रहा था । इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी तो बिना देर किये सभी लोग आ गये और बचाव कार्य शुरू कर दिए।
गौरतलब है कि जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घँटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार की रात सकुशल निकाला गया था । इसके बाद राहुल को बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । जहाँ उसका इलाज चल रहा है, डॉक्टरों के मुताबिक राहुल को कोई बड़ी समस्या नहीं है । बोरवेल में गिरने से जो घाव हुए हैं वो जल्द ही भर जाएंगे ।