scriptमां की नजरें बेटे राहुल से हट नहीं रहीं..बोलीं…. | Mother's eyes did not keep away from son Rahul.. Said..... | Patrika News

मां की नजरें बेटे राहुल से हट नहीं रहीं..बोलीं….

locationरायपुरPublished: Jun 15, 2022 06:59:51 pm

Submitted by:

santram sahu

– राहुल को खुद भगवान ने बचाया जो दिन-रात ,भूखे-प्यासे, बिना सोये रेस्कयू में लगे थे
मुख्यमंत्री की सक्रियता और देशभर से करोड़ों लोगों की दुआओं से बेटे को मिला नया जीवन : गीता साहू

मां की नजरें बेटे राहुल से हट नहीं रहीं..बोलीं....

मां की नजरें बेटे राहुल से हट नहीं रहीं..बोलीं….


रायपुर .

अस्पताल के आईसीयू में राहुल की माँ गीता साहू । माँ बार-बार बेटे का माथा चूम रही है..मेरा लाल..मेरा लाल कहकर सर में हाथ फेर रही है , दुलार रही है । एक -एक जख्मों को देख रही है मानो आज ही वो सारे जख्मों को भर देना चाहती हो ।
राहुल सुन नहीं सकता, पर माँ के हाथों में वो जादू है जिससे सिर्फ महसूस भर किया जा सकता है, सुनने की जरूरत ही कहाँ है । राहुल बोल भी नहीं सकता, एकटक माँ को ही देख रहा, माँ उसे निहार रही है फिर शब्दों की किसे जरूरत है । राहुल और उसकी माँ का प्यार देखकर तो लगा जैसे दोनों को पूरी दुनिया मिल गयी हो ।
अस्पताल में राहुल की माँ गीता साहू से जो भी मिलने आ रहा है वो दोनों हाथों को कृतज्ञता से जोड़ ले रहीं हैं । गीता ने पांच दिन से कुछ नहीं खाया है और ना ही सोयी हैं । वे कहती हैं कि भगवान कैसे होते हैं, बीते पांच दिनों में देखा है । मेरा तो बेटा है राहुल पर बाकी लोग उसे बचाने के लिये दिन-रात ,भूखे-प्यासे, बिना सोये लगे रहे । ये सब मेरे लिये साक्षात भगवान हैं। मैं तो सिर्फ पैदा की हूं राहुल को लेकिन सब ने मिलकर उसे नया जन्म दिया है । देश भर से करोड़ों लोगों की दुआओं ने असर किया है और आज मेरा बेटा मेरे सामने है।
हमर मुख्यमंत्री को हम सब परिवार के लोग करोड़ों बार प्रणाम करते हैं । वे दिन-रात राहुल की खबर लेते रहे । यहां अधिकारियों के पास और हमारे पास भी मुख्यमंत्री जी लगातार फोन करते रहे । गीता आगे कहतीं हैं कि सरकार, प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी । भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दे ।
दरअसल गीता ने ही सबसे पहले खोजते हुए राहुल को बोरवेल में पाया था । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राहुल घर के बाहर खेल रहा था । जब बहुत देर तक नहीं आया तो चिंता हुई । मैं खोजने निकली तो बोरवेल के पास से राहुल के रोने की आवाज आयी । मैं करीब गयी और कान लगाकर सुना तो राहुल ही रो रहा था । इसके बाद हमने प्रशासन को सूचना दी तो बिना देर किये सभी लोग आ गये और बचाव कार्य शुरू कर दिए।

गौरतलब है कि जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घँटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार की रात सकुशल निकाला गया था । इसके बाद राहुल को बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । जहाँ उसका इलाज चल रहा है, डॉक्टरों के मुताबिक राहुल को कोई बड़ी समस्या नहीं है । बोरवेल में गिरने से जो घाव हुए हैं वो जल्द ही भर जाएंगे ।
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