कुछ डॉक्टर और दलाल मिल कर महिलाओं को डेढ़ लाख रुपए का लालच देकर यह धंधा संचालित कर रहे थे
निर्दयी मां ने नवजात के पैदा होते ही कर दिया उसका सौदा, दो डॉक्टर समेत 5 लोग हिरासत में
रायपुर. राजधानी में नवजात बेचने का मामला सामने आया है। लेकिन मामले में जुड़े कुछ रसूखदारों के कारण पुलिस इसे आधी रात तक दबाती रही। मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र का है। यहां पर कुछ डॉक्टर और दलाल मिल कर महिलाओं को डेढ़ लाख रुपए का लालच देकर यह धंधा संचालित कर रहे थे। गिरोह में एक महिला, 2 डॉक्टर सहित ५ लोग शामिल हैं। फिलहाल पुलिस पकड़े गए सभी लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक राजनांदगांव निवासी महिला टिकरापारा क्षेत्र में अपनी 15 दिन की बेटी का सौदा कर रही थी। इसी दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने महिला समेत दो दलालों को पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि एक निजी अस्पताल के दो डॉक्टर लंबे समय से निम्न तबके की महिलाओं को झांसे मे लेकर यह धंधा संचालित कर रहे थे। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में गिरोह के पूरी चेन का खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच की टीम ने महिला से मिली जानकारी के आधार पर 2 डॉक्टर और ५ लोगों को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक यह सिर्फ नाबालिग से शादी का झांसा देने की शिकायत है। एक युवक ने नाबालिग को गर्भवती कर दिया था। जिससे जन्मे बच्चे को गायब करवाने का मामला है।
पहली बार नहीं बीते दिनों कोरबा में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें पुलिस ने 4 महिला सहित एक पुरूष को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के तार भी राजधानी के शंकर नगर स्थित एक बड़े अस्पताल से जुड़े होने की बात सामने आई थी, लेकिन पुलिस के हाथ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के चलते उनका गिरोह बच निकला।
विदेश तक जुड़े हैं तार राजधानी के आइवीएफ सेंटरों से विदेशी दंपती छत्तीसगढ़ी सरोगेट मदर्स से संतान प्राप्त करते हैं। ग्रामीण इलाकों की गरीब महिलाओं को दलाले के माध्यम से सेंटरों में लाकर उन्हें पैसे का लालच देकर मनाया जाता है। जिसमें सेंटर से लेकर दलाल तक का लाखों रुपए का फायदा होता है। महिलाओं को चंद रुपए देकर चलता कर दिया जाता है।