Mother’s Day 2022: माँ की अनुभूति डॉक्टर की कलम से
छत्तीसगढ़ कि अनुभवी गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ श्रीमती कमल वर्मा से मातृत्व के विषय पर खास बातचीत
रायपुर
Updated: May 08, 2022 09:39:48 pm
रायपुर | मातृत्व का हर पहलू बेहद खास होता है। यही कारण है की मां और बच्चे के रिश्ते को एक दुनिया में खास दर्जा प्राप्त है। शिशु के गर्भधारण से लेकर जन्म तक एकमात्र मां ही होती है जो बच्चे को वह सब कुछ देती है जिसकी उसे आवश्यकता है। यह बच्चे और मां के बीच एक विशेष बंधन बनाता है। यही कारण है कि आजकल जैसे ही बच्चा पैदा होता है हम उसे मां के हाथों में दे देते हैं। यह कहना है गाइनेकोलॉजी डॉ. कमल वर्मा का। उन्हें प्रैक्टिस करते 50 साल से ज्यादा हो गए हैं। वे आईएमए की पहली महिला अध्यक्ष हैं। उन्हें 2017 के वर्ष में आईएमएलाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
गंभीर स्थिति में आई गर्भवती महिला की कहानी
स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में 50+ वर्षों के अनुभव में अगर कोई कहानी मुझे आज भी याद है वो एक गर्भवती महिला की है जिसकी डिलीवरी का समय होने पर अस्पताल के अंदर लाया गया था। वह गंभीर रूप से एनेमिक (रक्तहीनता से पीड़ित) थी और यह उसके ग्यारहवे बच्चे की डिलीवरी थी। वह एक हृष्ट-पुष्ट महिला थी और मेरे पूरे अनुभव में ये एकमात्र ऐसा मामला था जिसमें मरीज़ को बचाने के लिए 3 बोतल खून की जरूरत पड़ी।
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में मातृत्व पर जो विचार थे क्या खुद माँ बनने पर उनमें कोई बदलाव आया
ऐसा तो नहीं है, मैं अपने परिवार में जन्म के बाद जीवित रहने वाली लंबे समय में पहली बच्ची थी। स्वाभाविक है मुझे अपने परिवार से बहुत सारा प्यार मिला था। मुझे असल में दो माँओं का प्यार मिला था एक मेरी अपनी माँ और एक मेरी बड़ी माँ। इसलिए मैं हमेशा चाहती थी कि एक दिन जब मेरा अपना बच्चा होगा तो मैं उसे वही प्यार और देखभाल दूंगी जो मुझे मिला था।
अपनी माँ की याद में लिखी कविता
मेरी माँ पार्वता बाई बहुत ही सरल थीं। उनकी बहुत कम उम्र में शादी हो गई थी और उन्होंने मुझे पंद्रह साल की उम्र में जन्म दिया। वह पढ़ी-लिखी नहीं थी लेकिन मेरे पिता ने फैसला किया कि उन्हें प्रो डिस्टिंक्शन के साथ शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। तो उन्होंने शादी के बाद अपनी शिक्षा प्राप्त की और संस्कृत की भाषा में भी अच्छी तरह से पढ़ना शुरू कर दिया। वह इतनी सरल थी कि जब मुझे अपनी 11वीं कक्षा में 4 विषय में डिस्टिंक्शन मिला तो मेरे प्रोफेसर उन्हें बधाई देने आए और उन्होंने कहा "इसमे क्या है वो तो हर दम फर्स्ट आती है"।
डॉ श्रीमती कमल वर्मा द्वारा अपनी माँ की याद में लिखी गई एक गेय कविता (गए जाने वाली कविता) :—
*माँ*
माँ ओ माँ, माँ ओ माँ
मै कैसे तुझे भुलाऊँ माँ |
तू चल दी कितनी दूर माँ२
मैं कैसे तुझे बुलाऊँ माँ ॥धृ॥
कौन है जो,मुझ को अपनी,गोद में बिठा एगा|
कौन है जो,मुझको अपने हाथों से खिलाएगा|
हर पल तेरी याद मेरे दिल से नहीं जाती ओ माँ,
मैं कैसे तुझे भुलाऊंँ माँ॥
माँ ओ माँ ऽऽ॥1॥
तू नहीं तो,कौन मुझको लोरियाँ सुनाएगा|
तू नहीं तो,कौन राजा बेटा कहकर बुलाएगा|
पलके चूमे माथा चूमे,इतना प्यार लुटाये माँँ|
कैसे तुझे भुलाऊँ माँ॥ माँ ओ माँ॥ 2॥
चिड़ियाँ चूं चूं,गायें हंम्बा,कर के दुलारे चाटे माँ|
मेरी आंखें राह तकती,आ के गले लगा ले माँ|
मेरा मन भी,प्यार का प्यासा,ममता से नहला दे माँ॥ माँ ओ माँ, माँ ओ माँ कैसे तुझे भुलाऊँ माँ॥3॥
कोई कहता रूठी है तू, अब ना वापस आएगी|
माँ अपने मुन्नू से कैसे,दूर तू रह पाएगी|
मैं ना रहूंँगा,मुझको भी तू,अपने पास बुला ले माँ,॥कैसे तुझे बुलाऊं॥
माँ माँ, माँओ माँ, मैं कैसे तुझे बुलाऊं माँ॥ 4॥
मातृ दिवस पर पाठकों के लिए संदेश
माँओं के लिए संदेश:
हर माँ एक सुपर माँ होती है। साइंस की दुनिया में हम कहते हैं कि माँ सुपर है क्योंकि वह डबल एक्स (XX) हैं और X पावर होता है। एक माँ को अपने सामर्थ्य को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। अगर वह किसी चीज़ के लिए ठान ले तो वह कुछ भी हासिल कर सकती है।
बच्चों के लिए संदेश:
हो सकता है कि कई बार आप और आपकी माँ किसी बात पर सहमत न हों, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उनसे बात करना बंद कर देना चाहिए। तुम्हारी माँ तुम्हारी दोस्त होनी चाहिए और उनके लिए तुम्हारे मन में सम्मान कभी कम नहीं होना चाहिए। माँ अपने विचार से तुम्हारे लिए हमेशा सबसे अच्छा करने की कोशिश कर रही होती है।
परिवार के अन्य सदस्यों के लिए संदेश:
हस्बैंड, सास और अन्य सभी सदस्यों को एक माँ का हर-दम समर्थन करना चाहिए। शादी के बाद किसी भी महिला के जीवन में सास का बहुत ही खास स्थान होता है क्योंकि सास शादी के बाद नई माँ बन जाती है। हर सास को अपनी बहू को सशक्त बनाना चाहिए ताकि बहू भी सबसे अच्छी माँ के रूप में सामने आ सके।
डॉ श्रीमती कमल वर्मा महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर शिक्षित करने में भी डॉ. कमल वर्मा अग्रणी रहीं हैं। 2003 के वर्ष से वे विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में व्याख्यान करते आ रहीं हैं। वे काव्य समूह की एक सक्रिय सदस्य हैं। उनके द्वारा लिखी गई पहली किताब का विमोचन पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था। अब तक वे ‘कुंडलियाँ द्विशतक’, ‘कहानी संग्रह’, ‘भजन संग्रह’ नाम की किताबें लिख चुकीं हैं।

Mother’s Day 2022: माँ की अनुभूति डॉक्टर की कलम से
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