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पीएम का भाषण सुन हुआ ऐसा असर कि रात-रातभर जागकर बना दिया ‘स्वदेशी’ ऐप

locationरायपुरPublished: Jun 01, 2020 03:47:57 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

इस ऐप में मिलेगी इंडियन ब्रांड की जानकारी, तीन में से दो युवा हरिहर स्कूल के पूर्व छात्र हैं

पीएम का भाषण सुन हुआ ऐसा असर कि रात-रातभर जागकर बना दिया 'स्वदेशी' ऐप

इनका मकसद है कि लोग बाहरी कंपनियों को जानें और इंडियन ब्रांड को तवज्जो दें।

ताबीर हुसैन @ रायपुर. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में आत्मनिर्भर भारत की बात पुरजोर तरीके से कही थी। उन्होंने कोरोना संकट में देश को मजबूत बनाने के लिए लोकल फॉर वोकल का मंत्र भी दिया था। इसी से प्रेरित होकर तीन दोस्तों ने एक ऐप तैयार किया है जिसे ‘स्वदेशी’ नाम दिया है। इनमें से सन्दीप और राजेश नवापारा (राजिम) के हरिहर स्कूल से हायर सेकंडरी किए हैं, जबकि सत्येंद्र की पढ़ाई अंबिकापुर से हुई है।सन्दीप ने बताया, पीएम ने अपने भाषण में लोकल ब्रांड को प्रमोट करने की बात कही थी। उसके बाद से वाट्सएप ग्रुप्स में देशी और विदेशी बॉन्ड्स की लिस्ट आने लगी। मुझे हैरानी हुई कई ऐसी कम्पनियां हैं जिन्हें हम अब तक इंडियन समझते रहे। मैंने अपने दोस्तों जो दुबई और बैंगलुरू में जॉब कर रहे हैं, से डिसकस किया। वे तकनीकी मामले में काफी आगे हैं। इस बात पर सहमति बनी कि आज से ही इस पर काम शुरू किया जाए।

रात में करते थे काम

दिन में जॉब के बाद रात में हम ऐप से रिलेटेड काम किया करते थे। किसी भी कम्पनी के बारे में गूगल से डिटेल लिया। हमने इस ऐप में ऑनर बेस्ड लिस्ट बनाई है। अगर कम्पनी का मालिक अब्रॉड का है तो उसे लिस्टेड किया है। बाहरी मालिक होने से उस कम्पनी की कमाई भी विदेश ही जाएगी।अलग-अलग कैटिगरीज बनाईऐप में प्रोडक्ट को कैटिगरी वाइस बांट दिया गया है। जैसे क्लोथिंग, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, फुटवेयर, सोप, टूथपेस्ट, चाय, डिटर्जेंट, ऐप्स, स्नेक एंड सॉफ्ट ड्रिंक, आटोमोबाइल।

ब्रांड को लेकर है कन्फ्युजन

कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो हैं तो विदेशी लेकिन नाम के चलते देशी लगते हैं। जैसे एक ट्रक की कंपनी के साथ भारत लिखा हुआ है। अब चूंकि भारत जुड़ा है इसलिए हमें लगेगा कि ये तो भारतीय है लेकिन ये कंपनी जर्मनी की है। ठीक ऐसे ही कुछ चाय की कंपनियां है जो विदेशी हैं। वल्र्ड की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भारत में अपनी पैठ बना ली है। टेक्नोफ्रेंडली लोग तो गूगल से खोज लेंगे लेकिन ग्रासरूट इलाके के लोगों को इस बात की जानकारी कैसे हो? इसलिए यह ऐप उनके लिए ज्यादा फायदेमंद है।
पीएम का भाषण सुन हुआ ऐसा असर कि रात-रातभर जागकर बना दिया 'स्वदेशी' ऐप

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