रात में करते थे काम
दिन में जॉब के बाद रात में हम ऐप से रिलेटेड काम किया करते थे। किसी भी कम्पनी के बारे में गूगल से डिटेल लिया। हमने इस ऐप में ऑनर बेस्ड लिस्ट बनाई है। अगर कम्पनी का मालिक अब्रॉड का है तो उसे लिस्टेड किया है। बाहरी मालिक होने से उस कम्पनी की कमाई भी विदेश ही जाएगी।अलग-अलग कैटिगरीज बनाईऐप में प्रोडक्ट को कैटिगरी वाइस बांट दिया गया है। जैसे क्लोथिंग, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, फुटवेयर, सोप, टूथपेस्ट, चाय, डिटर्जेंट, ऐप्स, स्नेक एंड सॉफ्ट ड्रिंक, आटोमोबाइल।ब्रांड को लेकर है कन्फ्युजन
कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो हैं तो विदेशी लेकिन नाम के चलते देशी लगते हैं। जैसे एक ट्रक की कंपनी के साथ भारत लिखा हुआ है। अब चूंकि भारत जुड़ा है इसलिए हमें लगेगा कि ये तो भारतीय है लेकिन ये कंपनी जर्मनी की है। ठीक ऐसे ही कुछ चाय की कंपनियां है जो विदेशी हैं। वल्र्ड की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भारत में अपनी पैठ बना ली है। टेक्नोफ्रेंडली लोग तो गूगल से खोज लेंगे लेकिन ग्रासरूट इलाके के लोगों को इस बात की जानकारी कैसे हो? इसलिए यह ऐप उनके लिए ज्यादा फायदेमंद है।