रायपुर

मुक्तांजलि वाहन ने 2949 शवों को पहुंचाया मुक्तिधाम, मगर सरकारी रेकॉर्ड में 2892 मौतें

1 दिसंबर तक की रिपोर्ट कहती है कि 2,949 मौतें हुईं। जबकि कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की रिपोर्ट 2,892 दर्शा रही है। 57 मौतों का अंतर तो साफ नजर आ रहा है।

रायपुरDec 04, 2020 / 10:23 am

Bhawna Chaudhary

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रायपुर. प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही चला जा रहा है। 1 दिसंबर को जहां 31 जानें गई तो 2 दिसंबर को 27 मरीजों ने इलाज के दौरान दमतोड़ दिया। मौत का बढ़ता ग्राफ फिर से परेशानी पैदा कर रहा है क्योंकि दिवाली के बाद से लेकर 30 नवंबर तक रोजाना औसतन 17 जानें जा रही थीं, उसके पहले 30 और 35 तक।

पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि स्वास्थ्य विभाग की दो एजेंसियों, की मौत के आंकड़ों में अंतर है। मुक्तांजलि सेवा, जिसके जरिए कोरोना संक्रमण से मरने वालो को श्मशानघाट तक पहुंचाया जाता है। उसकी 1 दिसंबर तक की रिपोर्ट कहती है कि 2,949 मौतें हुईं। जबकि कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की रिपोर्ट 2,892 दर्शा रही है। 57 मौतों का अंतर तो साफ नजर आ रहा है।

उधर, सूत्रों के मुताबिक निजी अस्पतालों में होने वाली मौतों को मुक्तांजलि वाहन के जरिए श्मशानघाट नहीं ले जा रहा है। वे निजी या अपने अस्पताल के वाहन से ही इन्हें श्मशानघाट तक ले जा रहे हैं। ऐसे में मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरुरत है।

सभी मौतों का कर लिया समायोजनः प्रदेश में सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में सर्वाधिक मौतें हुईं। 14 नवंबर के पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में भेजी गई सभी मौतों को तत्कालीक तारीख में धीरे-धीरे कर समायोजित किया। ताकि मौत के आंकड़े बहुत ज्यादा बढ़े हुए न दिखाई दें। इन महीनों में औसतन रोजाना 35 मौतें दर्ज हो रही थीं। अभी यह आंकड़ा 17-18 है।

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