छोटे से लेकर बड़े बकाएदार
नल कनेक्शन से लेकर बड़े बकाएदार, जिसमें होटल, शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स आदि संचालित हैं। निगम ने सभी बकायादारों के खिलाफ फील्ड सर्वेे शुरू कर दिया है। नल कनेक्शन लेकर जलकर जमा नहीं करने वाले बकाएदारों के खिलाफ नल कनेक्शन काटने का भी काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि नल कनेक्शन काटने के मामले में निगम टीम को कई परेशानियां आ रही है, जिसमें इस टीम के पास सरकारी रिकॉर्ड का अभाव है। टीम के कर्मचारी लोगों से जलकर की रसीद मांग रहे हैं, जबकि उनके पास सरकारी रिकॉर्ड का अभाव है, जिसमें जलकर जमा किए जाने की जानकारी नहीं है। लोगों के द्वारा रसीद गुम होने की स्थिति में कनेक्शन काटे जाने पर विरोध भी झेलना पड़ रहा है। इस मामले में आला अधिकारियों का कहना है कि राजस्व शाखा से टीम को सरकारी सूची उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें जलकर जमा होने या नहीं होने की स्पष्ट जानकारी होगी। ऐसे में टीम को जलकर जमा किए जाने की सटीक जानकारी होगी। सम्पत्ति कर के मामले में भी यही रणनीति अपनानी होगी।
राजधानी बनने के बाद भी नगर-निगम ने राजस्व लक्ष्य 200 करोड़ नहीं किया है। बड़े बकायादारों से टैक्स वसूली की धीमी रफ्तार व टैक्स चोरी की वजह से यह लक्ष्य अभी दूर नजर आ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले वर्षों में लक्ष्य बढ़ाकर 200 करोड़ करने की कोशिश की जाएगी।
सम्पत्ति कर में गलत जानकारी देने पर 5 गुना लगेगी पेनाल्टी
अधिकारियों के मुताबिक सम्पत्ति कर की प्रक्रिया वर्तमान में सेल्फ असेसमेंट के द्वारा निर्धारित की जा रही है, जिसमें सम्पत्ति धारकों को स्वयं विवरणी भरनी है। विवरणी में 10 फीसदी से अधिक का अंतर पाए जाने पर 5 गुणा पेनाल्टी लगाए जाने का नियम है। 10 फीसदी या इससे कम अंतर पर छूट का प्रावधान है।
अन्य जोन में भी लाखों रुपए का बकाया
निगम अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने सभी जोनों में अपना सब-स्टेशन लगाया है। इन स्टेशनों से लाखों रूपए का सम्पत्ति कर बकाया है। इनकी वसूली बीते कई वर्षों से नहीं हो पा रही है। निगम ने अब वसूली के लिए डिमांड नोटिस भेजना शुरू किया है।
पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर-निगम, रायपुर