1857 से 1947 तक की तमाम घटनाओं को दिखाया गया। कुछ एक दृश्य तो ऐसे थे कि दर्शकों के रौंगटे खड़े हो गए।
नमक सत्याग्रह तोडऩे गई महिलाओं के अत्याचार के दृश्य ने झकझोर दिया। महिलाओं की कलाइयों को अंग्रेजों ने अपने बूट से कुचल दिया। साउंड का इफेक्ट इसे पूरी तरह जीवंत बनाने के लिए काफी था।
रविवार को महंत घासीदास संग्राहालय मुक्ताकाशी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष पर अग्रज नाट्य दल ने मंगल से महात्मा आजादी का सफरनामा की प्रस्तुति दी।
म्यूजिकल ड्रामे के राइटर डॉ राजेश टंडन और निर्देशन सुनील चिपड़े ने किया। इस कार्यक्रम में संस्कृति विभाग का सहयोग रहा।
मंगल पांडे से शुरू होकर महात्मा गांधी तक चलने वाले सफर में 20 से ज्यादा प्रसंगों का मंचन किया गया।
इस मंचन में जलियावाला बाग, नमक सत्याग्रह, दांडी यात्रा, चौरी चौरा कांड प्रमुख है। जलिया वाला और महिलाओं द्वारा नमक कानून तोडऩे की घटना को देखकर दर्शकों का दिल दहल गया।
इस पूरे कार्यक्रम में साउंड और लाइट का इफेक्ट इतिहास को वर्तमान बनाने के लिए काफी था। प्ले में थिएटर के एलिमेंट भी थे।
इन्होने निभाई भूमिका चंपा भट्टाचार्या, राजेश्वरी रायपूत, प्रियंका शुक्ला, अर्चना टोप्पो, शिवांगी मुदलियार, सिंपल रजक, गरिमा भांगे, वर्तिका आकांक्षा, अंजलि भांगे, शारदा श्रीवास, संध्या टंडन, तनिष्का, मातृका टंडन, सुनील चिपड़े, योगेश पांडे, अनीष श्रीवास, अनुज श्रीवास्तव, निर्मल, अजय भास्कर, स्वपनिल, आकाश, कुणाल, मो रफीक, सत्येंद्र, राहुल प्रसाद, हर्षित, अभीजित सागर, त्रिभूवन और श्रीकांत।