scriptसामाजिक सद्भावना की विरासत का उदाहरण है छत्तीसगढ़ का ये गाँव | Muslim Ramlila artist is example of testament to communal harmony | Patrika News

सामाजिक सद्भावना की विरासत का उदाहरण है छत्तीसगढ़ का ये गाँव

locationरायपुरPublished: Apr 28, 2019 03:00:59 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

कुँरा गांव ने भारत में हुए घृणा और हिंसा की पुरानी सामूहिक घटनाओं पर आधारित साम्प्रदायिक सद्भावना का सन्देश देते हुए “कारवां-ए-मोहब्बत” नाम का एक नया वीडियो जारी किया है।वीडियो के मुख्य किरदार अमीनुल्लाह खान है और वह कपडे की दूकान चलाते हैं ।

communal harmony

सामाजिक सद्भावना की विरासत का उदाहरण है छत्तीसगढ़ के एक गाँव का मुस्लिम रामलीला कलाकार

ऋषि वालिया का ये शेर छत्तीसगढ़ के कुँरा गाँव के लोगों पर सटीक बैठता है।जब देश में चारो तरफ जाति धर्म को लेकर एक दूसरे के मन में जहर के बीज पनप रहे हों।जब धर्म,जाति और समाज के बीच के सद्भावना का पुल टूट रहा हो तो ऐसे में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के “कुँरा” जैसे गाँव की कहानी राहत की तरह आती है।और इस कहानी में अमीनुल्लाह खान जैसे किरदार टूट रहे पुल को फिर से जोड़ते हैं।
कुँरा गाँव ने भारत में हुए घृणा और हिंसा की पुरानी सामूहिक घटनाओं पर आधारित साम्प्रदायिक सद्भावना का सन्देश देते हुए “कारवां-ए-मोहब्बत” नाम का एक नया वीडियो यूट्यूब पर जारी किया है।वीडियो के मुख्य किरदार अमीनुल्लाह खान है और वह कपडे की दूकान चलाते हैं और सालों से गाँव की रामलीला में विभिन्न किरदार निभा रहे हैं।
kunra village
“कारवां-ए-मोहब्बत” वीडियो के अनुसार कुँरा में 1935 में उनके दादा नियामतुल्ला खान ने रामलीला की शुरुआत की थी।फिलहाल रावण का किरदार निभाने वाले अमीनुल्लाह खान इससे पहले विष्णु,दशरथ ,परशुराम,बाली और मेघनाथ की भूमिका निभा चुके हैं।
aminullah khan
उनकी पत्नी ज़ाहिदा खान उनका समर्थन करते हुए कहती हैं जब भी आवश्यकता होती है मैं उन्हें दूकान बंद कर रिहर्सल पर ध्यान देने के लिए कहती हूं।अमीनुल्लाह खान अपने गाँव के सामजिक सद्भाव के बारे में बताते हुए कहते हैं की “मैं सौभाग्यशाली था कि कुंरा जैसे गाँव में पैदा हुआ, जहाँ लोग एक-दूसरे को समझते हैं और एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं।
Jahida Khan
गाँव के अन्य लोग भी बताते हैं की गाँव के सभी सदस्य एक परिवार की तरह रहते हैं और एक दूसरे के त्योहारों में शरीक़ होते हैं चाहें वो किसी भी धर्म या जाती से हों।कुँरा गाँव में एक और दिलचस्प चीज आपको प्रभावित करती है और वो है गाँव के मंदिर और मस्जिद की दीवारों का एक दूसरे से जुड़ा होना।यह जुड़ाव चाहें मंदिर मस्जिद का हो या दो धर्म के लोगों का, कुँरा गाँव की विशेष बनाता है।
temple
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