उसने अपना नाम सुल्ताना बताया। कहा, मुझे भी हिंदू बनना है। मुस्लिम युवती ने हिन्दू धर्म को अपनाने की घोषणा करते हुए कहा कि सनातन धर्म श्रेष्ठ है। इसमें भाई बहन की शादी नहीं होती। तीन तलाक कहकर छोड़ नहीं दिया जाता। मंच पर ही रोते-बिलखते हुए उसने अपनी सारी समस्या कह डाली। उसने बताया कि वह मूर्ति पूजा करती है, इसलिए उसका घर-परिवार उसे छोड़ चुका है। महाराज ने कहा कि तुम्हारा भी हिंदू धर्म में स्वागत है। चिंता की कोई बात नहीं। इस देश का हर हिंदू तुम्हारा भाई है। कोई हो न हो, मैं तो हूं ही।
आज की कथा में सुल्ताना का होगा हिंदू नामकरण
सुल्ताना ने दरबार में आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना भाई बनाने निवेदन कर हर साल राखी बांधने की बात भी कही। आचार्य ने कहा कि रक्षाबंधन का इंतजार क्यों? यहीं राखी लाकर मुझे बांध देना। उन्होंने रविवार की कथा में सुल्ताना का हिंदू रीति-रिवाजों के साथ नामकरण करने की घोषणा भी की।
धर्मांतरण यूं ही नहीं होता, प्रक्रिया लंबी है
शनिवार को दिव्य दरबार में एक मुस्लिम महिला ने मंच से ही धर्म परिवर्तन की करने बात कही। लेकिन, ये इतना आसान भी नहीं है। नियमों के मुताबिक कोई भी धार्मिक पुजारी या कोई भी व्यक्ति जो धर्मांतरण का आयोजन करना चाहता है, उसे उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को फॉर्म सी में पहले सूचना देनी होगी। जिला मजिस्ट्रेट अगर इस बात से संतुष्ट हैं कि धर्मांतरण मर्जी से किया गया है और बिना किसी गलत बयानी के, बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी धोखाधड़ी के माध्यम से या शादी या शादी के लिए किया गया है, तो इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेगा। जिलाधिकारी के आदेश पारित करने के बाद यदि किसी को आपत्ति है तो वह 30 दिनों के अंदर मंडलायुक्त से अपील कर सकता है।