दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सड़कों पर लोगों ने एक महिला को एक पांच साल की बच्ची के साथ भटकते देखा। लोग उस महिला को लेकर पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने जब महिला से पूछताछ कि तो पता चला कि वो म्यांमार के क्योन डॉग शहर की रहने वाली है। महिला ने अपना नाम रशिदा कुरैशी बताया। उसका कहना था कि म्यांमार में उसकी 5 साल की बच्ची उमेरा की तबीयत खराब हुई थी। वहां के डॉक्टरों ने उसे बताया कि उसकी बच्ची के दिल में छेद है और इलाज के दिल्ली भेज दिया।
इसके बाद महिला अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए अपने जेठ-जेठानी के साथ भारत में आई थी। वहां उसे पता चला कि उसकी बच्ची का इलाज रायपुर में होगा। इसके बाद वो जेठ-जेठानी के साथ ट्रेन से दिल्ली से रायपुर पहुंच गई।
पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बताया कि 17 अगस्त की रात को महिला के जेठ-जेठानी उसे खाना लाने के बहाने लावारिस छोड़कर लापता हो गए। महिला को बाद में पता चला कि उसके रिश्तेदार उसका पासपोर्ट-वीजा भी लेकर चले गए हैं। इसके बाद रशिदा को अपनी बच्ची के साथ रायपुर में भटकते देख लोग उसे लेकर थाने पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि महिला को थाने में सुरक्षित रखा गया है और उसकी बच्ची को इलाज के लिए सत्य साईं अस्पताल में भेजा गया है।