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नान मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने चिदम्बरम को 60 लाख का किया भुगतान

locationरायपुरPublished: Dec 03, 2019 01:46:45 am

Submitted by:

bhemendra yadav

पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक डॉ. रमन सिंह ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया जिसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि नॉन प्रकरण की जन याचिका (पीआईएल) में सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदम्बरम, हरीश एल. साल्वे, रविन्द्र श्रीवास्तव, अपूर्व कुरूप एवं दयन कृष्णन को नियुक्त किया गया था।

नान मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने चिदम्बरम को 60 लाख का किया भुगतान

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रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) प्रकरण में दाखिल जनहित याचिका के खिलाफ राज्निय सरकार का पक्ष रखने के लिए अधिवक्ताओं को नियुक्त किया जाना स्वीकारते हुए कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता पी.चिदम्बरम को 60 लाख रूपए से अधिक तथा दयन कृष्णन को 81 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक डॉ. रमन सिंह ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया जिसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि नॉन प्रकरण की जन याचिका (पीआईएल) में सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदम्बरम, हरीश एल. साल्वे, रविन्द्र श्रीवास्तव, अपूर्व कुरूप एवं दयन कृष्णन को नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि हरीश एल. साल्वे, रविन्द्र श्रीवास्तव, अपूर्व कुरूप को 18 लाख 57 हजार फीस, कांफ्रेंसिंग सहित अन्य व्यय मिलाकर दिए गए।वरिष्ठ धिवक्ता दयन कृष्णन को कुल 81 लाख रूपए तथा वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदम्बरम को सुनवाई एवं कांफ्रेंस हेतु 6003776 रूपए का भुगतान किया गया।
बघेल ने सभी अधिवक्ताओं द्वारा अलग-अलग तारीख में न्यायालय में जिरह करने की भी जानकारी दी। रमन सिंह ने पूरक प्रश्न में आरोप लगाया कि इन अधिवक्ताओं में साल्वे तो छत्तीसगढ़ ही नहीं पहुंचे, वहीं रविन्द्र श्रीवास्तव भी न्यायालय में जिरह करने कभी नहीं पहुंचे है। रमन सिंह ने कहा कि सरकार जनहीत याचिका पर अधिवक्ताओं पर लाखों रूपए लूटा रही है।
रमन का आरोप सुनकर बघेल उत्तेजित होकर कहा कि पूर्व रमन सरकार ने 15 साल में करोड़ों लुटाए है उसका जवाब कौन देगा। उन्होंने कहा कि नॉन घोटाला मामले में हर कोई जांच की मांग कर रहा है, पर भाजपा के लोग इस जांच को रोकना चाहते है क्यों। बघेल ने यह भी कहा कि नॉन घोटाला मामले में सरकार द्वारा जांच के लिए बनाई गई एसआईटी को लेकर नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जनहित याचिका दायर की है।
कौशिक ने इस पर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए यह कह दिया कि एसआईटी को गठित करने के पीछे उनकी नियत ठीक नहीं थी इसलिए उन्होंने जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में सत्ता पक्ष से कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने पूर्व भाजपा सरकार पर 36 हजार करोड़ के घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके बाद कहा कि नॉन घोटाला की डायरी में सीएम सर और सीएम मैडम का नाम भी है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में जो भी दोषी है सभी के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
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