scriptयहां बसा है धरती का नागलोक, जहां एक साथ मिलेंगे सांपों की 70 से ज्यादा प्रजातियां, हर तरफ मंडराता है मौत का खतरा | Nag panchami: Naklog in chhattisgarh, 70 species of snakes will found | Patrika News

यहां बसा है धरती का नागलोक, जहां एक साथ मिलेंगे सांपों की 70 से ज्यादा प्रजातियां, हर तरफ मंडराता है मौत का खतरा

locationरायपुरPublished: Aug 05, 2019 12:52:10 pm

Submitted by:

Bhawna Chaudhary

Nag panchami: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक ऐसी जगह है जिसे नागलोक (Naglok) के नाम से जाना जाता है। यहां के जशपुर जिले को नागलोक के नाम से जाना जाता है।

nag panchami

यहां बसा है धरती का नागलोक, जहां एक साथ मिलेंगे सांपों की 70 से ज्यादा प्रजातियां, हर तरफ मंडराता है मौत का खतरा

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के साथ ही उनके प्रतीकों और वाहनों की पूजा-अर्चना करने की हमारे देश में काफी पुरानी पम्परा है। मान्यता है सावन माह में पंचमी (Nag panchami) के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी प्रकार के दोष खत्म हो जाते हैं। इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाया जाता है। सर्प दोष से मुक्ति के लिए नाग देवता की पूजा की जाती है। माना जाता है नाग देवता की पूजा करने से भोले भंडारी प्रसन्न हो जाते हैं।लेकिन क्या आपको पता है कि धरती पर आज भी नागलोक ( Naglok ) है।

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आज के जमाने में नागलोक के होने की बात अजीब लगती है। पर जरा सोचिए अगर सच में आज के जमाने में नागलोक हो तो क्या होगा, और अगर वह नागलोक धरती पर ही हो तो क्या होगा। जी हां, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक ऐसी जगह है जिसे नागलोक के नाम से जाना जाता है। यहां के जशपुर जिले को नागलोक के नाम से जाना जाता है। क्योकि जशपुर देशभर की सिर्फ एक ऐसी जगह है जहां कोबरा और करैत जैसे जहरीले सांपों का बसेरा है।

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गर्मियों और बारिश में यह जगह पूरी तरह सांपों (Snakes) से घिर जाता है। क्योकि गर्मी में तपती जमीन के कारण सांप बिल से बाहर घूमते रहते हैं। जशपुर में कई प्रकार के जहरीले सांपों की प्रजातियां पाई जाती है। यहां इन जहरीले सांपों की वजह से हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। इस जगह पर सांप खतरे की आशंका मात्र पर हमला कर देता है।

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