रायपुर

निगम के वर्कशॉप में डीजल चोरी मामले पर हुआ खुलासा, CCTV बंद कर चोरी करते थे निगमकर्मी

निगम प्रशासन ने मोटर वर्कशॉप में लगे सीसीटीवी कैमरे के सिस्टम को अपने कब्जे में लेकर इसकी जांच शुरू कर दी है

रायपुरOct 11, 2018 / 01:26 pm

Deepak Sahu

निगम के वर्कशॉप में डीजल चोरी मामले पर हुआ खुलासा, CCTV बंद कर चोरी करते थे निगमकर्मी

रायपुर. नगर निगम के मोटरवर्क शॉप के डीजल पंप पर चोरी मामले में एक और खुलासा हुआ है। निगम कर्मचारी मोटरवर्क शॉप में लगे सीसीटीवी को बंद करके डीजल चोरी को अंजाम दे रहे थे।
पिछले कई महीनों से सीसीटीवी कैमरे बंद इस कारण से मोटरवर्क शॉप की गतिविधियों का पता नहीं लग पा रहा है। निगम प्रशासन ने मोटर वर्कशॉप में लगे सीसीटीवी कैमरे के सिस्टम को अपने कब्जे में लेकर इसकी जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि मोटरवर्क शॉप के डीजल पंप पर नवंबर 2017 से ही डीजल चोरी का खेल चल रहा था। इसलिए निगम के अधिकारियों को उम्मीद है कि एक-दो फुटेज तो जरूर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ होगा। ताकि असली मास्टर माइंड पर कार्रवाई करने में आसानी हो सके।
वहीं, डीजल चोरी करते जिन दो कर्मचारियों को पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ अभी तक थाने में एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई है। प्रभारी अधिकारी जीएस क्षत्री आयुक्त की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब फाइल नहीं आएगी, तब तक कैसे एफआइआर दर्ज करा दें। हमने तो आयुक्त को एफआइआर की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयुक्त ने अपर आयुक्त को फाइल मार्क कर दी है। दो दिन से फाइल अपर आयुक्त के पास पड़ी हुई है।

सरोना टे्रचिंग ग्राउंड में डीजल चोरी का खेल
सूत्रों ने बताया कि मोटर वर्क शॉप के पेट्रोल पंप से सरोना में टे्रचिंग ग्राउंड को समतल करने के लिए लगी दो गाडि़यों के लिए हर दिन 200 लीटर भेजा जाता है। डीजल के नाम पर यहां भी डीजल चोरी करने की बातें सामने आई है। जिन दो गाडि़यों को ट्रेचिंग ग्राउंड को समतल करने के लिए लगाई है, वो दोनों भी यदि दिन चले, तो भी २०० लीटर डीजल खपत नहीं हो सकती है। इन गाडि़यों में कम से कम 10 से 15 लीटर डीजल तो रोजाना बचेगा ही। फिर भी हर दिन 200 लीटर ले जाना भी शंका के दायरे में हैं।

दोस्तों की गाड़ी में भी भरवाता था डीजल
निगम सूत्रों के अनुसार डीजल चोरी में जिस सहायक अभियंता पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वे अपनी खुद गाड़ी के अलावा अपने दोस्तों को भी फोन कर उनकी गाड़ी बुलवाकर चोरी का डीजल भरवाता था। वहीं यदि निगम मुख्यालय का कोई अधिकारी जो डीजल की पात्रता नहीं रखता है, गाहे-बगाहे डीजल भराने बोलते थे, उन लोगों को मना कर दिया जाता था। निगम मुख्यालय में एक-दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डीजल चोरी का असली मास्टर माइंड एक सहायक अभियंता ही है। पकड़े गए कर्मचारियों से सख्ती से पूछताछ की जाए, तो अपने आका का नाम जरूर उजागर कर देंगे।

नगर निगम आयुक्त रजत बंसल ने बताया कि डीजल चोरी मामले में पकड़े गए कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर अभी तक दर्ज क्यों नहीं हुई है संबंधित अधिकारियों से जवाब किया जाएगा। इसकी जांच कर जो अभी अधिकारी दोषी पाया जाएगा डीजल चोरी मामले में उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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