रायपुर 1,04,367 बलौदाबाजार-भाटापारा 67,697, बिलासपुर 65,681, दुर्ग 53,336, जांजगीर-चांपा 38,606 दोहरे नाम वाले मतदाता मिले हैं। अन्य प्रदेश की बात करें तो ओडिशा और मध्यप्रदेश के लोगों की संख्या जादा है। निर्वाचन आयोग के नियमानुसार मतदाताओं का एक जगह की मतदाता सूची से नाम को विलोपित किया जाएगा। इसके लिए बीएलओ को ऐसे मतदाओं के घर भेजकर वास्तविक जानकारी जुटाने और नाम कटवाने के लिए कहा गया है। ऐसे मतदाताओं को प्राथमिकता बताना होगा कि वो कहां कि सूची में अपना नाम रखना चाहते हैं। तय समय सीमा के बाद मतदाता अपना नाम एक जगह की सूची से नहीं विलोपित कराते हैं तो आयोग सॉफ्टवेयर के जरिए एक जगह से नाम डिलीट कर देगा।
ऐसे काम करता है सॉफ्टवेयर निर्वाचन आयोग का सॉफ्टवेयर प्रदेश के भीतर और अन्य राज्यों की मतदाता सूची अपलोड की गई है। जिसमें फोटो के माध्यम से सॉफ्टवेयर ऐसे मतदाताओं को ट्रेस कर रहा है, जिनकी दो जगह फोटो मिल रही है। ऐसे मतदाताओं को अलग सूची में डाला दिया जा रहा है। आयोग द्वारा एक मतदाता एक जगह नाम की तर्ज पर बीते तीन वर्ष से अभियान चलाया जा रहा है। एक मतदाता का नाम एक जगह की मतदाता सूची में शामिल होना अनिवार्य किया है। आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने एक जगह की मतदाता सूची से अपना नाम विलोपित कराने समझाइश दी जा रही है।
सजा का भी प्रावधान आयोग के निर्देश के बाद भी एक जगह की मतदाता सूची से नाम डिलीट ना कराने पर ऐसे मतदाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग ने 5 साल की सजा के साथ ही 1 हजार रुपए जुर्माना का भी प्रावधान रखा है।
मिली इस तरह की गड़बडिय़ां ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मतदाता नौकरी या फिर व्यवसाय के सिलसिले में शहर आ जाते हैं। इसके अलावा नौकरीपेशा लोग जो एक से दूसरे शहर में तबादला के बाद चले जाते हैं। जिस शहर से जाते हैं वहां की मतदाता सूची से नाम विलोपित नहीं होता इसके अलावा जिस शहर में जाते हैं वहां मतदाता सूची में नाम जोड़वा लेते हैं।
सॉफ्टवेयर में मतदाता सूची के मिलान करने पर जानकारी सामने आई कि हजारों लोगों के नाम अलग-अलग हैं लेकिन फोटो एक ही लगाई गई है। जहां-जहां किराए में रहे लेकिन नाम नहीं कटाया। रायपुर के अलावा दुर्ग और कोरबा में भी नाम।
सॉफ्टवेयर में मतदाता सूची के मिलान करने पर जानकारी सामने आई कि हजारों लोगों के नाम अलग-अलग हैं लेकिन फोटो एक ही लगाई गई है। जहां-जहां किराए में रहे लेकिन नाम नहीं कटाया। रायपुर के अलावा दुर्ग और कोरबा में भी नाम।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शिखा राजपूत तिवारी ने बताया कि आयोग नें हमें ऐसे साढ़ 6 लाख मतदाताओं को सॉफ्टवेयर से ट्रेस करके दिया है, जिनके नाम दो जगह हैं। यह फोटो से ट्रेस हुआ है। बीएलओ को ऐसे लोगों के घर भेजा जा रहा है। विलोपन और सुधार की प्रक्रिया की जा रही है। यह पूरे देश में चल रहा है।
इतने मिले दोहरे वोटर रायपुर 1,04,367
बलौदाबाजार-भाटापारा 67,697
बिलासपुर 65,681
दुर्ग 53,336
जांजगीर-चांपा 38,606
जशपुर 26,617
कोरबा 22,399
बेमेतरा 22,718
सूरजपुर 21,799
रायगढ़ 21,498
राजनांदगांव 18,766
सरगुजा 18,351
महासमुंद 17,461
मुंगेली 15442
कबीरधाम 14,235
गरियाबंद 13735
कोरिया 13,567
बालोद 12,743
धमतरी 12,215
बस्तर (जगदलपुर) 11,519
कांकेर 11,469
बलरामपुर 11,580
बीजापुर 11,906
नारायणपुर 7,048
दंतेवाड़ा 7,725
कोंडागांव 7,366
सुकमा 7,605
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 3868
कुल 6,61,319
बलौदाबाजार-भाटापारा 67,697
बिलासपुर 65,681
दुर्ग 53,336
जांजगीर-चांपा 38,606
जशपुर 26,617
कोरबा 22,399
बेमेतरा 22,718
सूरजपुर 21,799
रायगढ़ 21,498
राजनांदगांव 18,766
सरगुजा 18,351
महासमुंद 17,461
मुंगेली 15442
कबीरधाम 14,235
गरियाबंद 13735
कोरिया 13,567
बालोद 12,743
धमतरी 12,215
बस्तर (जगदलपुर) 11,519
कांकेर 11,469
बलरामपुर 11,580
बीजापुर 11,906
नारायणपुर 7,048
दंतेवाड़ा 7,725
कोंडागांव 7,366
सुकमा 7,605
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 3868
कुल 6,61,319