‘पत्रिका’ बीते 5 दिनों से लगातार शवों के सडऩे-गलने से जुड़ी खबरें प्रकाशित करता चला आ रहा है। पड़ताल के दौरान हमें मृतकों के नाम मिले, जिन्हें इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है ताकि उनके परिजनों को शर्म आए। वे अपनों को मोक्ष दिलाने जिला प्रशासन से संपर्क करें। परिजन तो नहीं आए मगर ‘पत्रिका’ की खबर के बाद रायपुर नगर निगम हरकत में आया है। बीते 2-3 दिनों में दूसरे राज्यों और जिलों के शवों को उनके जिलों में भेजा गया।
आपको नहीं फैलेगा संक्रमण
कोरोना से मरने वालों के शव परिवार को नहीं सौंपे जाते हैं। दाह संस्कार की पूरी प्रक्रिया जिला प्रशासन करता है। परिवार के सिर्फ दो सदस्य श्मशानघाट में जाने की अनुमति होती है। जिनसे संक्रमण फैलना का खतरा नहीं होता है।
कोरोना से मरने वालों के शव परिवार को नहीं सौंपे जाते हैं। दाह संस्कार की पूरी प्रक्रिया जिला प्रशासन करता है। परिवार के सिर्फ दो सदस्य श्मशानघाट में जाने की अनुमति होती है। जिनसे संक्रमण फैलना का खतरा नहीं होता है।
मर्च्युरी में कोरोना से मरने वालों के शव नाम- कब से- उम्र खुमान सिंह, पिता- तुलाराम- 18 अगस्त- 54 वर्ष दुलेश्वरी पटेल, पति- रूपेंद्र- 4 सितंबर- –
सावित्री रात्रे, पति- बिशेलाल रात्रे- – 65 वर्ष
सावित्री रात्रे, पति- बिशेलाल रात्रे- – 65 वर्ष
श्याम बाई, पति- बसंत राम- 20 सितंबर- 65 वर्ष
गोदावरी साहू, पति- राम सिंह- 20 सितंबर नरेश साहू, पिता- अग्नू साहू- 21सितंबर- –
मोदी बाई जांगड़े, पति- – 65 वर्ष नवजात, इन्हें तक लेने कोई नहीं आया-
गोदावरी साहू, पति- राम सिंह- 20 सितंबर नरेश साहू, पिता- अग्नू साहू- 21सितंबर- –
मोदी बाई जांगड़े, पति- – 65 वर्ष नवजात, इन्हें तक लेने कोई नहीं आया-
बेबी ऑफ राशि- –
बेबी ऑफ गायत्री- 3 सितंबर बेबी ऑफ सरिता मानिकपुरी- 03 सिंतबर इन जिलों के शव जिलों में भेजे जा रहे
गरियाबंद, भिलाई, बलौदाबाजार, जांजगीर चांपा, रायगढ़ और बेमेतरा जिलों के मृतकों के शव आंबेडकर अस्पताल की मर्च्युरी से उनके गृह जिले भेजे जा रहे हैं।
बेबी ऑफ गायत्री- 3 सितंबर बेबी ऑफ सरिता मानिकपुरी- 03 सिंतबर इन जिलों के शव जिलों में भेजे जा रहे
गरियाबंद, भिलाई, बलौदाबाजार, जांजगीर चांपा, रायगढ़ और बेमेतरा जिलों के मृतकों के शव आंबेडकर अस्पताल की मर्च्युरी से उनके गृह जिले भेजे जा रहे हैं।
शव जिस भी जिले के हैं उन्हें उन जिलों में भेजा जा रहा है। अज्ञात का हम दाह संस्कार करेंगे। हमारी कोशिश है कि अब 1-2 दिन से ज्यादा पेंडिंग न रहें।
पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम
पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम