scriptनान घोटाला: सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपी बनाए गए अफसर निलंबित, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी | Nan Scam: DG Mukesh gupta and SP Rajnesh singh suspended by State govt | Patrika News

नान घोटाला: सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपी बनाए गए अफसर निलंबित, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

locationरायपुरPublished: Feb 10, 2019 09:19:53 am

Submitted by:

Deepak Sahu

नान घोटाले में अफसरों-नेताओं की गैरकानूनी ढंग से फोन टेपिंग और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोपी बनाए गए डीजी और एसपी को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया

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नान घोटाला: सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपी बनाए गए अफसर निलंबित, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

रायपुर. नान घोटाले में अफसरों-नेताओं की गैरकानूनी ढंग से फोन टेपिंग और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोपी बनाए गए विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजी) मुकेश गुप्ता और नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रजनेश सिंह को राज्य सरकार ने शनिवार को निलंबित कर दिया। गृह विभाग ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (इओडब्ल्यू) में गुरुवार रात दर्ज एफआइआर का हवाला देकर निलंबन आदेश जारी किया है। इनके खिलाफ अब अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।
निलंबन अवधि में दोनों अफसरों को पुलिस मुख्यालय रायपुर से संबद्घ किया गया है। इस कार्रवाई के बाद अब कभी भी इन दोनों अफसरों की गिरफ्तारी हो सकती है। दिल्ली से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मामले में आगे और बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय मुकेश गुप्ता को प्रदेश के सबसे ताकतवार अफसरों में शुमार किया जाता था। इओडब्ल्यू में पदस्थापना के कुछ महीनों बाद ही उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के दफ्तर में छापा मारा था। इसमें प्रभावशाली नेताओं के नाम भी सामने आए थे। कांग्रेस उनपर जांच की दिशा बदलने का आरोप लगाती रही है।

निलंबन पर यह है शासन का तर्क
गृह विभाग ने इओडब्ल्यू में दर्ज शिकायत का हवाला देते हुए कहा है कि यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है, इसलिए इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित करना प्रक्रियाधीन है। प्रकरण की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन का समाधान हो गया है कि इन दोनों अधिकारियों को निलंबित करना आवश्यक एवं वांछनीय है।

आपराधिक आरोपों मेंं पहली बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के 18 वर्ष के इतिहास में आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद भारतीय पुलिस सेवा के किसी अफसर पर हुई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इओडब्ल्यू ने गुरुवार रात अपने ही पूर्व महानिदेशक गुप्ता और पुलिस अधीक्षक सिंह पर एफआइआर दर्ज की थी। उनपर नान घोटाले की जांच के दौरान अवैध रूप से नेताओं-अफसरों के फोन टेप करने, झूठे साक्ष्य गढऩे, जाली दस्तावेज तैयार करने और षडय़ंत्र रचने का आरोप है।

गुप्ता ने घर की दीवार तोडकऱ बनवाया पिछला दरवाजा
एफआइआर और निलंबन की कार्रवाई के बीच डीजी मुकेश गुप्ता ने सिविल लाइन स्थित अपने सरकारी बंगले ई-2 में एक पिछला दरवाजा बनवा लिया है। लोहे का यह छोटा दरवाजा शनिवार दोपहर बाद आवास का बाउंड्रीवॉल तोडकऱ बनाया गया। शाम को यहां सीढिय़ां भी बना ली गईं। यह दरवाजा पंचशील नगर की ओर खुलता है। इस निर्माण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जिन्होंने कूटरचना और छेड़छाड़ की है। उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है और आगे भी होगी। यह तो बहुत गंभीर और निजता के हनन का मामला है, जो पहले सुनने में आ रहा था, वह दिखाई भी दे रहा है।
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