निलंबन पर यह है शासन का तर्क
गृह विभाग ने इओडब्ल्यू में दर्ज शिकायत का हवाला देते हुए कहा है कि यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है, इसलिए इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित करना प्रक्रियाधीन है। प्रकरण की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन का समाधान हो गया है कि इन दोनों अधिकारियों को निलंबित करना आवश्यक एवं वांछनीय है।
आपराधिक आरोपों मेंं पहली बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के 18 वर्ष के इतिहास में आपराधिक मामलों में नाम आने के बाद भारतीय पुलिस सेवा के किसी अफसर पर हुई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इओडब्ल्यू ने गुरुवार रात अपने ही पूर्व महानिदेशक गुप्ता और पुलिस अधीक्षक सिंह पर एफआइआर दर्ज की थी। उनपर नान घोटाले की जांच के दौरान अवैध रूप से नेताओं-अफसरों के फोन टेप करने, झूठे साक्ष्य गढऩे, जाली दस्तावेज तैयार करने और षडय़ंत्र रचने का आरोप है।
गुप्ता ने घर की दीवार तोडकऱ बनवाया पिछला दरवाजा
एफआइआर और निलंबन की कार्रवाई के बीच डीजी मुकेश गुप्ता ने सिविल लाइन स्थित अपने सरकारी बंगले ई-2 में एक पिछला दरवाजा बनवा लिया है। लोहे का यह छोटा दरवाजा शनिवार दोपहर बाद आवास का बाउंड्रीवॉल तोडकऱ बनाया गया। शाम को यहां सीढिय़ां भी बना ली गईं। यह दरवाजा पंचशील नगर की ओर खुलता है। इस निर्माण को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।