छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना का एक महत्वपूर्ण घटक नरवा कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में बड़ी संख्या में नदी और नालों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य किए जा रहे हैं। इससे पेयजल की उपलब्धता, सिंचाई साधनों का विकास, भू-जल के रिचार्ज के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नया जीवन प्रदान हो रहा है।
बिलासपुर: इन कार्यों से मिला पुरस्कार नरवा कार्यक्रम के तहत बिलासपुर जिले में विभिन्न नदियों एवं नालों में 47 स्ट्रक्चर्स का निर्माण कर 17.508 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता का सृजन किया गया। इसके साथ 152 किलोमीटर लम्बाई तक नदियों एवं नालों में जलभराव सुनिश्चित किया गया। जिले में 49 लघु जलाशय योजनाएं निर्माणाधीन हैं जिनसे 48.53 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता सृजित होगी। इससे 181 किमी लम्बी नदी एवं नालों में जल भराव होगा। कुल 1146.90 किलोमीटर नदी नालों का पुनरोद्धार जल संसाधन विभाग ने किया है।
सूरजपुर: इन कार्यों से मिला पुरस्कार इसी तरह सूरजपुर जिले में जल संरक्षण और भूमिगत जल के स्तर को उठाने के लिए डबरी महाभियान कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें हितग्राही मूलक डबरी, कूप के अलावा छोटे-बड़े नालों का चिन्हांकन कर उन्हें पुर्नजीवित करने के गैवियन, लुज बोल्डर चेक डेम, व्रश वुड जैसे संरचना का निर्माण किया गया। पिछले दो सालों में लगभग 7 हजार डबरी और 4200 कूप का निर्माण किया गया है। इसमें लगभग 18 हजार एकड़ भूमि सिंचित हुई और किसान साल भर में दो बार फसल लेने लगे हंै।