scriptnav m yitihas ke chinhari devayiya siyan savraj prasad | नवा लिखइयामन के ‘गुरु’ रिहिस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी ह | Patrika News

नवा लिखइयामन के ‘गुरु’ रिहिस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी ह

locationरायपुरPublished: Jul 03, 2023 03:39:19 pm

Submitted by:

Gulal Verma

स्वराज्य परसाद त्रिवेदी कवि, कथाकार, नाटककार, जीवनी लेखक रिहिन। कांति कुमार जैन लिखे हे के, स्वराज परसादजी ह अपन लेखनी से जागरन के संखनाद करिस अउ देस बर काम करइया सजक सपूतमन ल तइयार करिस।

नवा लिखइयामन के ‘गुरु’ रिहिस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी ह
नवा लिखइयामन के ‘गुरु’ रिहिस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी ह
छत्तीसगढ़ म गियानिक गुन्निकमन सदा काम करिन। इहां कबीर पंथीमन के बहुत बड़े काम हे। दया, मया परेम, अहिंसा, एकता के बात गुरु बाबा घासीदासजी बतइस। इहें वल्लाभाचार्यजी जइसन गुरु जनमिन। ऐहा माता कौसिल्या के मइके ए। भगवान राम ह हमर भांचा हे। अइसन छत्तीसगढ़ म जगवारी के काम करइया जन-जन ल कोचक के उठाने वाला बड़े-बडे गियानिक लेखक, पत्रकार जनमिन। माधवराव सप्रेजी पेंड्रा म रहिके हिन्दी के पहली कहिनी ‘टोकरी भर मिट्टी’ लिखिस।
आज छत्तीसगढ़ के पत्रकार, लेखकमन के डंका चारों मुड़ा बाजत हे। हमर छत्तीसगढ़ म सुरुवाती दौर म पत्रकार के काम करके नाव कमइया सपूत रिहिस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी। ऊंकर सियान के नाव रिहिस गयाचरन त्रिवेदी। वोमन स्वतंत्रता संगराम सेनानी रिहिन। तभे गयाचरन त्रिवेदीजी ह अपन बेटा के नाव राखिस स्वराज्य परसाद। वो समे नारा लगय ‘स्वराज्य हमर जनम सिद्ध अधिकार ए। हम ऐला लेके रहिबो।’ त अइसन समे म गयाचरनजी के घर सपूत जनमिस तेकर नाव रखे गिस स्वराज्य। नाव म सब अरथ अउ बहुत अकन बात व बिस्तार रहिथे। जुलाई 1920 म जन्में स्वराज परसाद त्रिवेदी के पराथमिक ***** के पढ़ई रइपुर के नवापारा स्कूल म होइस। हाईस्कूल तब के लारी स्कूल अउ अब जेकर नाव माधव राव सप्रे ***** हे वोमा होइस। आगू के पढ़ई छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रइपुर म होइस।
1935 म सुरू होइस स्वराज्य परसाद त्रिवेदी के साधना। लइकापन से अपन सियानमन के रद्दा म रेंगइया स्वतंत्रता संगराम म योगदान देवइया स्वराज्य परसादजी ह अंगरेजमन के सासनकाल म पत्रकारियता अउ लेखन करके जान ल जोखिम म डारिस। वो समे सासन के खिलाफ लिखना माने सजा पाना राहय। फेर, संस्कार के बल म स्वराज्य परसाद ह करिस जोखिम उठा के देस के काम।
1935 म हिन्दी साहित्य मंडल के मासिक पतरिका आलोक के सम्पादक बनिस। आलोक माने उजियार। उजेला अउ बिहान। साफ बात हे कि देस म जउन गुलामी के अंधियारी छाय हे वोकर खिलाफ दीया बार के आलोक माने उजियारी बगराय के काम करिस अउ नाव कमइस।
स्वराज परसादजी ह केसव परसाद वरमा संग मिलके अग्रदूत सुरू करिस। 1954 तक संपादक रिहिस। आठ बछ्र तक अग्रदूत के संपादन करिन। ऐमा आजादी के दिन म लेखन करइया अउ बाद म छत्तीसग़ढ़ के जस गवइया लेखकमन लिखिन। ऊंकर पहिचान अउ मान बाढि़स। अइसने बड़े लेखक हमर छत्तीसगढ़ के गौरव हरिठाकुरजी ह वोमा लिखय। हरि ठाकुर ह स्वराज परसाद ल गुरु मानय। हरि ठाकुर खुदे एक बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारेलाल सिंह के नामी सपूत आंय।
हरि ठाकुर ह हमर पीढ़ी ल संस्कार दे के अपन गुरु के परंपरा ल पो_ करिस। छत्तीसगढ़ म सोसन के खिलाफ बड़े आंदोलन चलइया डा. खूबचंद बघेल के अगुवाई म जउन कविमन जागरन के अमर गीत लिखिन वोमा पवन दीवान, हरि ठाकुर के नाव अमर हे। वोमन लिखिन-
लोटा लेके आने वाला
इहां टिकाइन बंगला,
जांगर टोर कमाने वाला हे
कंगला के कंगला।
हरिठाकुर सहीं केयूर भूसनजी ह स्वराज्य परसादजी ल गुरु मानय। उहूंमन बडक़ा साहित्यकार, सांसद अउ समाज के गौरव छत्तीसगढ़ के अमर सपूत बनिन। कहां गवांगे मोर धान के कटोरा जइसन किताब लिखिन। हरि ठाकुर, केयूर भूसनमन तो बड़े लेखक एं। हमर सहीं नान-नान लेखकमन ल स्वराज परसाद त्रिवेदीजी ह बेटा बरोबर मया दे के आगू बढ़इस।
बड़े बड़े पत्रकार अउ साहित्यकारमन के गुरु स्वराज्य परसाद त्रिवेदीजी के सरगवास 11 जुलाई 2009 म होइस। गुरु घासीदास विस्वविद्यालय बिलासपुर अउ पंडित रविशंकर विस्वविद्यालय रायपुर म उंकर साहित्य ऊपर सोध होय हे।
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