47 की तर्ज पर कमेंट आने लगे
शहर के एक युवा ने इसे फेसबुक पर साझा किया है। इसके बाद तो एके 47 की तर्ज पर कमेंट आने लगे। हालांकि ये कमेंट गुस्से में नहीं बल्कि हास्य और व्यंग्य से लबरेज है। दरअसल, लोगों को हंसने का जबर्दस्त बहाना मिल गया। हालांकि कुछ बुद्धिजीवी और जिम्मेदारों का कहना है कि रावण की एक मुंडी गायब करना बड़ा इशु है। वहीं कुछ ये कह रहे हैं कि मेन मुंडी के ऊपर जो है वही दसवां है। फेसबुक के कमेंट ने इस दशहरे को ऐसा यादगार बना दिया है जिसकी चर्चा खुद रावण सालभर करता रहेगा। वह कहता रहेगा हे मानव आखिर मेरा कुसूर क्या है? ऐसी सजा तो मुझे स्वयं प्रभू राम ने नहीं दी थी।पढि़ए कैसे-कैसे कमेंट
आलोक राजपाल लिखते हैं- एक सिर तो लेकर सभी घूम रहे हैं, इसलिए 9 सिर।
हीरानंद देवांगन ने लिखा- आओ इसका पता लगाएं।
देवेंद्र ठाकुर ने कहा- रावण भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया।
प्रकाश वर्मा ने लिखा- कौवा ले गया।
सुरेंद्र सोनी ने कहा- भ्रष्टाचार की भी हद है। 1 सिर को ही खा गया।
मनीष जैन कहते हैं- नगर पालिका चुनाव प्रचार के लिए रखे हैं।
भूपेंद्र सोनी ने छत्तीसगढ़ी में तंज कसा- यहु म भ्रष्टाचार।
प्रेमलाल साहू ने लिखा-एक सिर गदहा का रहता है ऊपर देखो।
राम शर्मा लिखते हैं कि बनवाने वाले को पता नहीं होगा कि रावण के 10 सिर होते हैं।
शिवशंकर देवांगन ने कहा- हमर विधायक लेगे।
तरूण सिन्हा ने लिखा-वहु म जले के बाद एक डाहर के दु मुड़ी अउ दूसर डाहर के तीन मुड़ी जलबे नई करिस।
राहुल बोय ने लिखा- फैशन।
सतीश यादव ने लिखा- न्यू स्टाइल।
महेश मौर्य ने कहा- अगले वर्ष के लिए रखे होंगे।
दीप दत्ता ने कहा- दसवां सिर ऊपर है।
नागेंद्र कुमार कंसारी ने कहा- पीछे में।
राम साहू ने लिखा- इसका भी घोटाला
घनश्याम बनर्जी लिखते हैं- दसवां सिर तो उसके सिर के ऊपर जो गधे का सिर है।
मुकेश निषाद ने कहा- वक्त है बदलाव का।