ग्रामीणों के लिए भी हेलीकाप्टर से आता है राशन
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बसा प्रदेश का अंतिम ग्राम पामेड़ थाने की हालत बद से बदतर है। सड़क मार्ग से कटे होने के कारण यहां वर्षभर आपदा की स्थिति बनी होती है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आज भी जवानों के साथ ही ग्रामीणों के लिए भी राशन हेलीकॉप्टर से पहुंचता है। आवास, पानी, बिजली जैसे मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे जांबाजों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी मोहताज होना पड़ रहा है। हद तो तब हो जाती है, जब 1984 में स्थापित थाने का आज तक भवन निर्माण नहीं हो पाता। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुलिस बल माओवादियों से लोहा लेते डटे हुए हैं।
बिजली की भी सुविधा नहीं..
पामेड़ थाना में पदस्थ एसआई हृदय शंकर पटेल ने बताया कि पुलिस बल के लिए हेलीकॉप्टर से समय-समय पर राशन भेज दिया जाता है। साथ ही जवानों को छुट्टी पर जाने व अन्य कार्यों से मुख्यालय जाने के अलावा तबियत बिगडऩे की स्थिति में भी चॉपर का ही सहारा लेना पड़ता है। क्षेत्र में बिजली की सुविधा नहीं होने की वजह से जनरेटर से काम चला रहे हैं। वह भी आए दिन दगा दे जाता है। उन्होंने बताया कि माओवादी क्षेत्र व यहां की संवेदनशीलता को देखते ही जिला पुलिस बल बढ़ाने की भी आवश्यकता है।
पत्रिका से बातचीत में बीजापुर एसपी मोहित गर्ग कहा कि यह तो सच है कि हमारे जवान आवास, बिजली व स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज नहीं होने की वजह से दवाओं के साथ ही अन्य सामग्री नहीं रख पाते। जनरेटर से ही काम चल रहा है। लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। चूंकि छत्तीसगढ़ की बिजली लाइन बासागुड़ा और उसूर तक ही पहुंची है।
रामसेवक पैकरा, गृहमंत्री, छग शासन