लता मंगेशकर से छत्तीसगढ़ी गीत गवाने वाले संगीत निर्देशक कल्याण सेन का निधन
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि मुठभेड़ के बाद से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 210 कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास के बारे में जानकारी नहीं मिली थी। उनकी जानकारी के लिए लगातार खोजी अभियान चलाया जा रहा था। क्षेत्र के ग्रामीण, सामाजिक संगठन, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पत्रकारों के माध्यम से राकेश्वर सिंह के संबंध में जानकारी ली जा रही थी।
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नक्सलियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता ने 6 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि एक जवान को बंदी बनाया गया है। इसके बाद जवान की रिहाई के लिए स्थानीय नागरिक, आदिवासी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और पत्रकारों के माध्यम से प्रयास किया गया। जवान राकेश्वर सिंह मन्हास गुरुवार शाम को सुरक्षित तर्रेम थाना पहुंचा। सीआरपीएफ के फिल्ड अस्पताल में उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। चिकित्सकों ने उसे कमजोरी और डिहाइड्रेशन के कारण सामान्य उपचार दिया है।
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अगवा जवान की रिहाई के लिए माता रुक्मणि आश्रम जगदलपुर के पद्मश्री धर्मपाल सैनी और बीजापुर जिले के आदिवासी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी तेलम बोरैया ने प्रयास किया। बता दें कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे तथा 31 अन्य जवान घायल हुए थे। वहीं, जवान राकेश्वर सिंह लापता थे।
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