मतलब आगजनी की घटना पर नियंत्रण पाने के लिए अटल नगर विकास प्राधिकरण को 25 किमी. दूर नगर निगम रायपुर पर निर्भर रहना पड़ेगा। नया रायपुर में मंत्रालय से लेकर ज्यादातर विभागों के संचालनालयों की शिफ्टिंग हो चुकी है, लेकिन बड़ी दुर्घटना पर काबू पाने फायर सिस्टम पर ध्यान नही दिया गया है।
इस मामले में अटल नगर विकास प्राधिकरण और होमगार्ड के बीच विवाद भी चल रहा है। अटल नगर प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि फायर स्टेशन हमने बना दिया है, वही फायर ब्रिगेड गाडिय़ों के लिए होमगार्ड को बजट भी दिया गया,लेकिन गाड़ी अभी फायर स्टेशन में नही है। गाड़ी कब तक आएगी। इसकी जानकारी नही मिली है।
फ्लैट में उपकरण एक्सपायरी डेट के अटल नगर के सेक्टर 27 में रहने वाले रहवासियों की जान भी खतरें में है। पत्रिका ने अपनी पड़ताल में पाया कि यहाँ जो उपकरण लगे हुए हैं, उसकी तकनीकी वैधता समाप्त हो चुकी है। मतलब आगजनी की घटना रोकने इन उपकरणों का इस्तेमाल करने पर इसके काम करने की गारंटी नही है।
यहाँ आगजनी से बचने के लिए फ़्लैट्स में ड्राई केमिकल पाउडर और कार्बन डाई आक्साइड के छोटे सिलेंडर है, लेकिन इसकी वैधता 2017 में ही खत्म हो चुकी है। फ़्लैट्स के रखरखाव की जिम्मेदारी छग हाउसिंग बोर्ड के जिम्मे हैं। रहवासियों की शिकायत है कि फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए कई बार हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन इस पर ध्यान नही दिया गया।
करोडों रुपये सौदर्यीकरण में खर्च अटल नगर में करोड़ों रुपये सौंदर्यीकरण में खर्च कर दिया गया, लेकिन आगजनी सहित अन्य आपदाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम नही उठाये गए हैं। अभी हाल ही में यहां सर्विलांस सिस्टम, डेटा सेंटर का शुभारंभ किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि महानदी और इंद्रावती भवन की डिजाइनिंग में फायर एक्जि़ट (Fire Exit) सहित भवनों के भीतर छोटे उपकरण लगे हैं, लेकिन बड़ी आगजनी को रोकने फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का फायर स्टेशन (Fire Station) में रहना जरूरी है।