scriptजरूरत है कुम्हारों और अपनी परंपरा को बचाने की | Need to save potters and their tradition | Patrika News

जरूरत है कुम्हारों और अपनी परंपरा को बचाने की

locationरायपुरPublished: Oct 17, 2019 10:06:23 pm

Submitted by:

lalit sahu

सरकार और हमको इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना पड़ेगा। आइये इस दीपावली में हम सब अपनी परंपरा बचाने और स्वदेशी अपनाने का प्रण लें और एक नया भारत का निर्माण करें।

जरूरत है कुम्हारों और अपनी परंपरा को बचाने की

जरूरत है कुम्हारों और अपनी परंपरा को बचाने की


रायपुर. दीयों की रोशनी के बिना दीपावली अधूरा है। आधुनिक चकाचौंध में भी मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा थोड़ी बरकरार है। पूजा-पाठ से लेकर लोग घरों को सजाने में भी मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब मिट्टी की बनी सामग्री की घटती मांग को देख कुम्हारों ने इसे बनाना भी कम कर दिया है। बदलते जमाने के इस दौर में मिट्टी के दीये की जगह आधुनिक जमाने के रंग-बिरंगे बिजली के बल्ब, झालर व मोमबत्तियों ने ले ली है। मिट्टी के पुश्तैनी व्यवसाय में कुम्हार का अपने परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल होता जा है। कुम्हार अब अपने पुश्तैनी व्यवसाय को छोडक़र अब अन्य कार्य करने लगे हैं।

हमें चीनी सामानों का त्याग कर स्वदेशी अपनाना होगा
अब हमारी पीढ़ी इसे सिखना नहीं चाहती और अगर ऐसा हुआ तो यह कला भी विलुप्त हो जायेगी। हां, आगे आने वाली पीढ़ी इसे तस्वीरों व संग्रहालय में भी देख पायेगी। हम सभी करें भी तो क्या करें। जरूरत है सरकार और हमको इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाए। हमें चीनी सामानों का त्याग कर स्वदेशी अपनाना होगा ताकि हम अपनी परंपरा को बचा पाए। कुम्हार का ठहरा हुआ चाक समाज के हर व्यक्ति से दीपावली पर मिट्टी के दीप के व्यापक प्रयोग करने की गुजारिश कर रहा है।

हमें खुद जागरूक होना पड़ेगा
कुछ वर्ष पहले मिट्टी के बने घड़े, सुराही, कुल्हड़, बर्तन आदि का प्रयोग बहुत ज्यादा होता था, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे इनकी डिमांड खत्म होती जा रही है और प्लास्टिक जैसे खतरनाक तत्वों का प्रयोग धड़ल्ले से होता जा रहा है जो कैंसर जैसे विभिन्न बीमारियों का कारक है। हमें खुद जागरूक होना पड़ेगा और इन प्लास्टिक जैसे और भी खतरनाक तत्वों से बचना होगा। आइये इस दीपावली में हम सब अपनी परंपरा बचाने और स्वदेशी अपनाने का प्रण लें और एक नया भारत का निर्माण करें।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो