script90 से अधिक विस्फोटकों व माओवादी कैंपों का पता लगाने वाले नीमा रिटायर, जवानों ने दी भव्य विदाई | Neema retires for more than 90 explosives and Maoist camps | Patrika News

90 से अधिक विस्फोटकों व माओवादी कैंपों का पता लगाने वाले नीमा रिटायर, जवानों ने दी भव्य विदाई

locationरायपुरPublished: Feb 28, 2021 11:29:33 pm

Submitted by:

Dhal Singh

माओवादी क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के अलावा जान माल की रक्षा करने वाला डॉग नीमा रिटायर हो गया। उसने गरियाबंद और धमतरी में पिछले दो वर्ष में 90 से अधिक स्थानों पर विस्फोटकों के अलावा माओवादी कैंप और आईईडी का पता लगाकर बड़ी घटना को होने से रोक दिया था। रिटायर होने पर सीआरपीएफ के जवानों ने उसे सम्मान के साथ विदाई गई।

90 से अधिक विस्फोटकों व माओवादी कैंपों का पता लगाने वाले नीमा रिटायर, जवानों ने दी भव्य विदाई

नवा रायपुर स्थित थनौद बेस कैंप में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। इसमें डॉग स्क्वाड के अलावा विभागीय अधिकारी शामिल रहे।

रायपुर. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में दस साल पहले शामिल डॉग नीमा जब रिटायर हुआ तो उसके सम्मान में बल द्वारा पहली बार नवा रायपुर स्थित थनौद बेस कैंप में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। इसमें डॉग स्क्वाड के अलावा विभागीय अधिकारी शामिल रहे। नीमा ने गरियाबंद और धमतरी जिले में पिछले दो वर्ष में करीब 40 जगहों से विस्फोटकों के अलावा 50 से अधिक माओवादी कैंप और उनके मूवमेंट का सुराग देकर सुरक्षा बलों का लक्ष्य आसान कर दिया था।
माओवाद प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ का डॉग स्क्वाड फोर्स के जवानों के लिए सबसे मददगार साबित हो रहा है। तेजतर्रार लैब्राडोर प्रजाति काडॉग नीमा भी इसी में से एक है। विदाई समारोह में कमांडेंट संजीव रंजन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीएन सोलंकी, द्वितीय कमान अधिकारी हंसराज, उपकमांडेंट नीरज कुमार सहित बड़ी संख्या में फोर्स के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
हवलदार को सौंपी जिम्मेदारी
नीमा की सेवानिवृत्ति से पहले देशभर से सभी डॉग स्क्वाड यूनिटों को उचित देखरेख करने वाले को नि:शुल्क सौंपे जाने के बारे में ब्यौरा भेजा गया था। उपकमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि नीमा को उनके हैंडलर हवलदार रतीश कुमार को सौंपा गया है। वह उसे अपने घर केरल लेकर जा रहे हैं। दरअसल, माओवादियों का गरियाबंद और धमतरी जिले में लगातार मूवमेंट के चलते तैनात सुरक्षा बलों की सहायता करने के लिए डॉग स्क्वाड की तैनाती की गई थी। लगातार अभियान के बाद उदंती-सीतानदी और धमतरी में नगरी दलम और अन्य माओवादी संगठन सिमट गए हैं।
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