उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न सहायता योजना के लिए 2 हजार 770 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 4 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
खाद्य मंत्री ने बताया कि एपीएल परिवार के 8.18 लाख हितग्राहियों ने नए राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से 5.38 लाख राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं। इन राशन कार्डों में 17.16 लाख सदस्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 58 लाख 56 हजार राशन कार्डों में नए सदस्यों के नाम जोडऩे का कार्य किया गया है। वर्तमान में अब तक 15 लाख नए सदस्य जोड़े गए हैं। इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2019 से अनुदान प्राप्त एवं निजी आश्रम-छात्रावास व कल्याणकारी संस्थाओं के लिए खाद्यान्न का आवंटन रद्द कर दिया गया है।
राज्य सरकार ऐसी 471 संस्थाओं को स्वयं के व्यय से चावल आवंटित कर रही है। इसके अलावा खाद्य मंत्री ने बस्तर संभाग में भविष्य में गुड़ वितरण की योजना की विस्तार से जानकारी दी।