स्कूल-कॉलेजों के लिए आदेश लागू नहीं
पांच दिवसीय कार्य प्रणाली को लेकर स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों में भी उत्सुकता थी, लेकिन इसका लाभ इस आदेश का नहीं मिलेगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह ने कहा कि स्कूल-कॉलेज शासकीय कार्यालय की श्रेणी में नहीं आता है। वह शैक्षणिक संस्थाओं में आता है। इसलिए यह आदेश वहां के शिक्षकों के लिए लागू नहीं होगा।
काम की अवधि उतनी ही, 5 दिन में बांट दिया
अब सभी कार्यालयों के अधिकारियों-कर्मचारियों को आधा घंटा अतिरिक्त काम करना होगा। बताया जाता है सप्ताह में काम के घंटे की अवधि उतनी ही रखा गया है। वर्र्किंग डे यानी पांच दिन में बांट दिया गया है क्योंंकि शनिवार को अवकाश कर दिया गया है।
इन राज्यों में लागू है पांच दिवसीय कार्य प्रणाली
केंद्र सरकार के सभी शासकीय कार्यालयों में पांच दिवसीय कार्य प्रणाली लागू है। इसके अलावा कुछ राज्यों में यह लागू है, जिसमें मप्र, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल गोवा और पंजाब हैं।
दैनिक वेतनभोगियों को अब कम मिलेगा वेतन
शासकीय कार्यालयों पांच दिवसीय कार्य प्रणाली लागू के होने के बाद अब दैनिक वेतनभोगियों को वेतन कम होने की चिंता सताने लगी है, क्योंकि इन लोगों को वेतन दिन के हिसाब दिया जाता है। वैसे भी महीने में चार रविवार और दो शनिवार की छुट्टी पहले रहती थी, अब दो या तीन शनिवार को भी छुट्टी रहेगी, तो तनख्वाह कम हो जाएगी। इस मामले में जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में वे कुछ नहीं कह सकते हैं। यह मामला दैनिक वेतन भोगियों और उनके एम्पलायर के बीच का मामला है। वैसे भी काम की अवधि हर दिन घंटा बढ़ गया है, तो सप्ताहभर के श्रम के हिसाब से एम्प्लायर को वेतन का भुगतान करना चाहिए।
कर्मचारी नेताओं ने किया स्वागत
मंत्रालयीन अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने कहा, शासकीय कार्यालयों में फाइव डे की मांग संघ द्वारा लंबे अरसे की जा रही थी। जिसे सरकार ने अब जाकर पूरी की है। जिसका हम स्वागत करते हैं। जहां तक दैनिक वेतनभोगियों की बात है, उन लोगों का वेतन न काटने की मांग की संघ द्वारा की जाएगी।